चेन्नई में डर से लोगों का सूख रहा है गला, बेरूत में 135 की जान ले चुका है अमोनियम नाइट्रेट
नई दिल्ली। लेबनान की राजधानी बेरूत में खतरनाक अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट से 135 लोगों की मौत के बाद अब दक्षिणी राज्य तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में संग्रहित 700 टन अमोनियम नाइट्रेट ने नेता से लेकर आम लोगों के होश उड़ा रखे हैं। यह चिंता तब और बढ़ गई है जब गुरूवार को सीमा शुल्क अधिकारियों ने चेन्नई के एक कंटेनर फ्रेट स्टेशन पर मौजूद 700 टन अमोनियम नाइट्रेट के भंडारण की सुरक्षा पर आशंका जताई है।
वैश्विक
एकजुटता
से
भारत
के
सामने
घुटने
टेकने
को
मजबूर
है
चीन,
इन
हरकतों
से
समझें
हकीकत?
बेरूत में अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट में 135 लोगों की जान चली गई
लेबनान की राजधानी बेरूत में मंगलवार को हुए एक रासायनिक विस्फोट हुआ था, जिसमें कुल 135 लोगों की जान चली गई थी और करीब 4000 घायल हो गए थे। लेबनान में भंडारित लगभग 2750 अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट हुआ था और विस्फोट इतना भीषण था कि उसकी आवाज 200 किलोमीटर से अधिक दूरी तक सुनी गई। जर्मनी के जियोसाइंस केन्द्र ‘जीएफजेड' के अनुसार भीषण विस्फोट की वजह से वहां 3.5 की तीव्रता का भूकम्प भी महसूस किया गया था।
चेन्नई के फ्रेट स्टेशन पर मौजूद है 700 टन अमोनियम नाइट्रेट रसायन
चेन्नई सीमा शुल्क अधिकारी के मुताबिक चेन्नई के फ्रेट स्टेशन पर मौजूद 1.80 करोड़ रुपए कीमत वाले 700 टन अमोनियम नाइट्रेट रसायन को वर्ष 2015 में तमिलनाडु के आयातक से जब्त किया गया था, जिसे आयातक ने कथित तौर पर उसे उर्वरक बताकर आयात किया था। हालांकि उन्होंने बताया किदक्षिण कोरिया से आयात की गई यह खेप सुरक्षित थी और उसके ई-नीलामी की प्रक्रिया चल रही थी।
सीमा शुल्क गोदामों और बंदरगाहों में सुरक्षा सत्यापित करने का निर्देश
हालांकि बेरूत की घटना के बीच केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने फील्ड कार्यालयों को 48 घंटों के भीतर सीमा शुल्क गोदामों और बंदरगाहों में पड़ी सभी विस्फोटक सामग्री की सुरक्षा और आग के मानकों को सत्यापित करने का निर्देश दिया है और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कहीं उससे लोगों के जीवन के लिए कोई खतरा तो नहीं है।
चेन्नई में भारी मात्रा में संग्रहित रासायनिक पदार्थ से जोखिम हो सकता है
इसके अलावा सीबीआईसी ने सीमा शुल्क और क्षेत्र निर्माणों को 48 घंटे के भीतर देश भर के गोदामों और बंदरगाहों में पड़ी कोई भी खतरनाक और विस्फोटक सामग्री सभी सुरक्षा और अग्नि मानकों को सत्यापित करने का निर्देश दिया है। कस्टम विभाग को यह स्पष्टीकरण उन रिपोर्टों के मद्देनज़र है, जिनमें कहा गया है कि चेन्नई में भारी मात्रा में संग्रहित रासायनिक पदार्थ से जोखिम भी हो सकता है। इस मामले में राजनीतिक दल पट्टली मक्कल काची (पीएमके) ने सरकार से इसका सुरक्षित निपटान सुनिश्चित करने के लिए भी कह चुकी है।
क्या बेरूत विस्फोट की पृष्ठभूमि में चेन्नई में बढ़ गई है विस्फोट की आशंका?
सीमा शुल्क विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी से जब विनाशकारी बेरूत विस्फोट की पृष्ठभूमि में चेन्नई में सुरक्षा की आशंकाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने आश्वस्त किया है कि चेन्नई में संग्रहित रसायनिक सामान सुरक्षित हैं और उसको लेकर कोई खतरा नहीं है। नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि नवंबर 2015 में कस्टम ने एक आयातक से 1.80 करोड़ रुपए मूल्य के 37 कंटेनरों में 697 टन अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया था।
अमोनियम नाइट्रेट नियम, 2012 का पालन न करके इंपोर्ट हुआ था केमिकल
बकौल कस्टम अधिकारी, आयातक ने माल को उर्वरक ग्रेड के अमोनियम नाइट्रेट के रूप में गलत बताया था, जबकि जांच में यह पाया गया कि यह विस्फोटक ग्रेड का था और उसने (आयातक) अमोनियम नाइट्रेट नियम, 2012 का पालन नहीं करते हुए अवैध रूप से इंपोर्ट किया था।
तब अवैध अमोनियम नाईट्रेट से भरे 37 कंटेनरों को जब्त कर लिया गया था
उस दौरान अमोनियम नाईट्रेट से भरे 37 कंटेनरों को जब्त कर लिया गया था और तब से वह शहर में एक कंटेनर फ्रेट स्टेशन पर पड़ा हुआ है। हालांकि उसके बाद से ही उस आयातक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। उन्होंने आगे कहा कि दिसंबर 2015 में जलप्रलय के दौरान सात टन रसायन खराब हो गया था, जबकि शेष 690 टन ई-नीलामी की प्रक्रिया में थे।
तत्काल अमोनियम नाइट्रेट के सुरक्षित निपटान के लिए PMK ने किया आग्रह
इससे पहले, गुरुवार को पीएमके के संस्थापक एस रामदास ने सरकार से तत्काल अमोनियम नाइट्रेट के सुरक्षित निपटान के लिए कदम उठाने का आग्रह किया था। उन्होंने अपनी आग्रह में कहा था कि हमें बेरूत जैसी घटना से बचना चाहिए। वर्ष 2015 से चेन्नई फ्रेट स्टेशन पर जब्त किए गए रासायनिक पदार्थ की भारी मात्रा पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अस्पष्ट पदार्थ एक जोखिम हो सकता है और इसे खाद के रूप में इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित रूप से निपटाया जाना चाहिए।
अमोनियम नाइट्रेट को पिछले छह साल से बेरूत में संग्रहित किया गया था
लेबनान के बंदरगाह शहर बेरूत में मंगलवार को हुए विस्फोट में 135 लोग मारे गए और लगभग 4,000 लोग घायल हो गए। 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट के कारण मीलों खड़ी इमारतों को नुकसान पहुंचा। बताया जाता है कि उवर्रकों में इस्तेमाल होने वाले अत्यधिक विस्फोटक रसायन अमोनियम नाइट्रेट को पिछले छह साल से बेरूत में संग्रहित किया गया था।
बेरूत में विस्फोट से 3.5 की तीव्रता का भूकम्प भी आयाः जीएफजेड
जर्मनी के जियोसाइंस केन्द्र ‘जीएफजेड' के अनुसार विस्फोट से 3.5 की तीव्रता का भूकम्प भी आया। विस्फोट इतना भीषण था कि उसकी आवाज 200 किलोमीटर से अधिक दूरी तक सुनी गई. राष्ट्रपति माइकल इयोन ने बताया कि असुरक्षित गोदामों में रखे गए 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट की वजह से ये धमाका हुआ.
जानिए, आखिर अमोनियम नाइट्रेट क्या है?
अमोनियम नाइट्रेट एक गंधहीन केमिकल पदार्थ है, जिसका कई कामों में इस्तेमाल होता है, लेकिन सामान्यतः इसका सबसे ज़्यादा प्रयोग खेती के लिए उर्वरक के तौर पर किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल निर्माण या खनन कार्यों में विस्फोटक के तौर पर भी किया जाता है। यह बेहदत विस्फोटक केमिकल होता है। इसमें आग लगने पर धमाका होता है, जिसके बाद ख़तरनाक गैस निकलने लगती हैं, जिनमें नाइट्रोजन ऑक्साइड और अमोनिया गैस शामिल हैंष
150 KG अमोनियम नाइट्रेट से 3-4 किमी बड़े इलाके को तबाह हो सकता है
विस्फोटकों के जानकारों की मानें तो 150 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट से तीन-चार किमी बड़े इलाके को पूरी तरह तबाह किया जा सकता है.अमोनियम नाइट्रेट एक आक्सीडाइजिंग एजेंट है। आमतौर पर उर्वरकों में इसका इस्तेमाल नाइट्रोजन के सप्लीमेंट के रूप में किया जाता है.