FDI: दूसरी तिमाही में 28 अरब डॉलर का निवेश, जुलाई में आए 17.5 अरब डॉलर
नई दिल्ली। मौजूदा वित्त वर्ष 2020-2021 की दूसरी तिमाही में देश में 28 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया है। इसमें एफडीआई इक्विटी प्रवाह 23 अरब डॉलर यानि 174,793 करोड़ रुपये रहा था। भारत सरकार द्वारा जारी डाटा से ये जानकारी सामने आई है।
वहीं पहली छमाही में अप्रैल से सितम्बर के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। पहली छमाही की अवधि में देश में कुल 30 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दर्ज किया गया है। डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने ये आंकड़े जारी किए हैं। इसमें 17.5 अरब डॉलर का विदेशी निवेश सिर्फ जुलाई महीने में ही किया गया है।
DPIIT ने जो आंकड़े जारी किए हैं उसके मुताबिक अगर दोबारा निवेश की राशि को भी इसमें जोड़ दिया जाए तो पहली छमाही में कुल 40 अरब अमेरिकी डॉलर का का निवेश दर्ज हुआ है। भारत की अर्थव्यवस्था के विकास में एफडीआई का महत्वपूर्ण रोल होता है।
आज ही उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को लेकर सरकार ने आंकड़े जारी किए हैं। इसके मुताबिक औद्योगिक मजदूरों के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) में अक्टूबर महीने में 1.4 अंक की वृद्धि हुई है। अक्टूबर में महीने में यह 119.5 रहा है। पिछले महीने सितम्बर की तुलना में अक्टूबर के लिए इसमें 1.19 % की वृद्धि हुई है जबकि जबकि पिछले साल इसी महीने की तुलना में यह 0.93 प्रतिशत बढ़ा है।
आर्थिक
विकास
दर
माइनस
में
एक
दिन
पहले
ही
देश
के
मौजूदा
वित्त
वर्ष
की
दूसरी
तिमाही
(जुलाई-सितम्बर)
के
आंकड़े
जारी
किए
गए
थे।
इसमें
जीडीपी
में
7.5
फीसदी
की
गिरावट
दर्ज
की
गई
थी।
यह
पिछले
वित्तवर्ष
की
दूसरी
तिमाही
के
मुकाबले
बहुत
खराब
था
जिसमें
4.4
प्रतिशत
की
वृद्धि
दर्ज
की
गई
थी।
विकास दर के लगातार दूसरे तिमाही में भी माइनस में रहने पर कई विशेषज्ञों ने अर्थव्यस्था के मंदी में जाने की चिंता व्यक्त की थी। इसके पहले पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था की विकास दर में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी जो कि आजादी के बाद देश की जीडीपी की सबसे बड़ी गिरावट थी।
GDP: दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट