मोदी सरकार के फैसले की खिलाफत करने वाले मौलाना की पिटाई, RSS पर लगाया आरोप
मस्जिद के भीतर हमला हो जाने के बावजूद बरकती ने थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। वहीं बरकती के इस आरोपों को आरएसएस ने हास्यास्पद बताया है।
कोलकाता। पीएम नरेंद्र मोदी के लाल बत्ती बैन करने के फैसले के खिलाफ फतवा जारी करने वाले मौलाना नुरुर रहमान बरकती अब खुद चौतरफा घिर गए हैं। उन्हें टीपू सुल्तान मस्जिद के शाही इमाम पद से बर्खास्त कर दिया गया है। मौलाना रहमान बरकती के खिलाफ अब कई इस्लामिक संगठनों ने फतवा जारी कर दिया और कहा कि बरकती के नमाज पढ़ाने का मुस्लिम बहिष्कार करें।
जानकारी के मुताबिक गुरुवार को मस्जिद के इमाम पद से हटाए जाने के बाद बरकती जबरन नमाज पढ़ाने के लिए मस्जिद के अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे तो उनकी पिटाई भी की गई। उनके सिर में चोट लगी है। इस मामले में बरकती ने दावा किया है कि आरएसएस के लोगों ने उन पर हमला करवाया है। बरकती ने कहा 4.30 बजे नमाज पढ़ाने के बाद जब वह वापस अपने दफ्तर लौट रहे थे, उसी समय अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया।
आरोप है कि आरएसएस वालों ने ही यह हमला करवाया है। हालांकि मस्जिद के भीतर हमला हो जाने के बावजूद बरकती ने थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। वहीं बरकती के इस आरोपों को आरएसएस ने हास्यास्पद बताया है। संघ के पश्चिम बंगाल प्रभारी जिसनु बसु ने कहा कि देशद्रोही सबसे अधिक संघ से ही डरते हैं। जरूर पढ़ें- स्पा की आड़ में जिस्मफरोशी, बॉडी मसाज के लिए जाने पर मालकिन देती थी सेक्स का ऑफर और फिर...
क्या कहा था बरकती ने
मौलाना बरकती ने 11 मई को कहा था कि मैं एक धार्मिक नेता हूं और पिछले कई सालों से लाल बत्ती का इस्तेमाल करते आ रहा हूं। मैं केन्द्र के आदेश का पालन नहीं करूंगा। वे मुझे आदेश देने वाले कौन हैं। पं बंगाल में सिर्फ राज्य सरकार के आदेश प्रभावी होते हैं। मैं लाल बत्ती का इस्तेमाल करता रहूंगा। यहां तो किसी ने लाल बत्ती नहीं हटाई है।
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