क्राइस्टचर्च आतंकी हमला: गुजरात के पिता और बेटे का कुछ पता नहीं, परिवार ने मांगी सुषमा से मदद
वडोदरा। शुक्रवार को न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च स्थित दो मस्जिदों पर आतंकी हमला हुआ। इस हमले में जहां 49 लोगों की मौत हो गई तो वहीं नौ भारतीय ऐसे हैं जिनका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। इनमें से ही गुजरात के रहने वाले आरिफ और उनके बेटे रमीज वोहरा भी हैं जो अल नूर मस्जिद में जुमे की नमाज अता करने आए थे। हमले के बाद इनके परिवारवालों की ओर से इन्हें कई कॉल्स की गईं लेकिन दोनों का कुछ पता नहीं चल पा रहा है। न्यूजीलैंड की अल नूर मस्जिद के अलावा हेगले पार्क की मस्जिद को भी कल के हमले में निशाना बनाया गया है। इस हमले को न्यूजीलैंड के इतिहास का सबसे काला दिन बताया जा रहा है।
परिवार ने मांगी सुषमा से मदद
गुजरात के वोहरा परिवार ने अब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद मांगी है। आरिफ वोहरा के भाई मोहसिन ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में कहा, 'मेरा भतीजा रमीज वोहरा पिछले करीब आठ वर्षों से क्राइस्टचर्च में रह रहा था। भाई आरिफ उनकी पत्नी रुखसाना 25 दिन पहले न्यूजीलैंड गए थे क्योंकि रमीज की पत्नी ने एक बच्चे को जन्म दिया है। उसके देखभाल के लिए ही वह न्यूजीलैंड गए थे।' मोहसिन ने आगे बताया कि रमीज और आरिफ, शुक्रवार की नमाज के लिए मस्जिद गए थे और फायरिंग शुरू हो गई। इसके बाद से दोनों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। उन्हें अभी तक दोनों की स्थिति के बारे में कोई अपडेट हासिल नहीं हो सका है।
हमले के बाद से नहीं हो सका कॉन्टेक्ट
आरिफ के एक और भाई साहिल की ओर से भी बताया गया है कि अभी तक उनके भतीजे और भाई के बारे में हमले के बाद से कुछ नहीं पता चल सका है। साहिल को नहीं मालूम के हमले के बाद दोनों सुरक्षित वापस लौटे थे या नहीं। उन्होंने हमले से पहले उनसे कॉन्टेक्ट किया था। साहिल ने कहा कि उन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि उनके बारे में जल्द से जल्द कोई नई जानकारी उन्हें दी जाए। न्यूजीलैंड में 28 वर्ष के ब्रेनटॉन हैरिसन टारैंट ने इस हमले को अंजाम दिया है। पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक जहां अल नूर मस्जिद में 41 लोगों की मौत हुई तो पहीं सात लोगों की मौत लिनवुड मस्जिद में हुई है। जबकि एक घायल व्यक्ति ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
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