शादी में पिता ने कन्यादान करने से किया इनकार, कहा- बेटी कोई प्रॉपर्टी नहीं जिसे दान में दें
कोलकाता। हिंदू धर्म के अनुसार होने वाली शादियों में कन्यादान को काफी अहम माना जाता है। लेकिन कोलकाता में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक पिता ने अपनी बेटी का कन्यादान करने से मना कर दिया। कन्यादान करने से मना करते हुए बेटी के पिता ने कहा कि वो कोई प्रॉपर्टी नहीं है जिसे वो दान करें। दरअसल ट्विटर पर ऐसा ही एक पोस्ट वारयल हो रहा है जिसमें इसके बारे में विस्तार से बताया गया है।
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पिता ने स्पीच देते हुए कहा वो कन्यादान नहीं करेंगे
अस्मिता घोष ने अपने अकाउंट पर इस पोस्ट शेयर किया है। इस पोस्ट में अस्मिता ने बताया है कि सबसे पहले बात तो इस शादी में पुरुष पंडित नहीं बल्कि महिला पंडित जोड़े की शादी करा रही है। इसके बाद बारी आती है कन्यादान की। इसके लिए पंडित दुल्हन की मां और पिता के नाम को बुलाती है। इसके बाद दुल्हन के पिता एक स्पीच देते हुए कहते हैं कि वो कन्यादान नहीं करेंगे। क्योंकि उनकी बेटी कोई प्रॉपर्टी नहीं है जिसे वो दान में दें।
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सोशल मीडिया पर तेजी से वारयल हो रहा पोस्ट
अस्मिता का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस पोस्ट को अब तक 4500 से ज्यादा लाइक्स और 1100 के लगभग रिट्वीट्स मिल चुके हैं। ट्विटर पर मौजूद लोगों ने पिता के इस फैसले की बहुत तारीफ कर रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि एक बेटी के लिए पिता की ऐसी सोच वाकई बहुत शानदार है। आपको बता दें कि जब भी हिन्दू रिती रिवाज से शादी होती हैं उसमें बेटी के पिता को कन्यादान करना पड़ता है लेकिन एक तरह से यह इकलौती ऐसी शादी देखने को मिली है जिसमें पिता ने कन्यादान करने से मना किया है।
कन्यादान का होता है यह महत्व
हिंदू धर्म की शादियों में तमाम रस्म और रिवाज निभाने के बाद ही विवाह को पूर्ण माना जाता है। विवाह के इन रस्मों में से सबसे महत्वपूर्ण होता कन्यादान। कन्यादान का अर्थ होता है कन्या का दान करना। मतलब पिता अपनी पुत्री का हाथ वर के हाथ सौंपता है इसी को कन्यादान कहा जाता है। इसके बाद कन्या की सारी जिम्मेदारियां वर को निभानी होती हैं। इस रश्म को शादी के दौरान का सबसे भावुक पल भी कहा जाता है क्योंकि बेटी अपने रूप में अपने रूप में पिता के त्याग को महसूस करती है।