गाय की मौत के प्रायश्चित के लिए पिता कर रहा था नाबालिग बेटी की शादी, पुलिस ने रुकवाई
विदिशा। मध्यप्रदेश के विदिशा जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शख्स पंचायत के फरमान पर अपनी नाबालिग बेटी की शादी करने जा रहा था। दरअसल इस शख्स ने गलती से गाय के बछड़े को मार दिया था, जिसके बाद पंचायत ने फरमान सुनाया कि बछड़े की मौत का प्रायश्चित करने के लिए इसे अपनी नाबालिग बेटी की शादी करनी होगी। हालांकि पुलिस और स्थानीय प्रशासन की मदद से बच्ची की शादी होने से बच गई।
कुछ हिस्सों में ऐसी प्रथा है
जानकारी के मुताबिक राज्य के कुछ हिस्सों में ऐसी प्रथा है कि अगर कोई शख्स या उसका परिवार गलती से गाय को मार दे तो उन्हें कई तरह के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है। ऐसा करने पर 'आरोपी' को गंगा में डुबकी लगानी पड़ती है या फिर गांव वालों को दावत भी देनी पड़ती है। लेकिन कई बार 'आरोपी' को ये भी कह दिया जाता है कि वो अपनी बेटी का कन्यादान कर दे। गांव वालों का मानना है कि गाय को मारने के पाप से छुटकारा पाने का यही एक तरीका है। ऐसे फरमान में लड़की की उम्र का भी ध्यान नहीं रखा जाता।
गलती से गाय के बछड़े को टक्कर मार दी थी
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मामले पर पथरिया थाने के इंचार्ज बीडी सिंह का कहना है कि कुछ महीने पहले एक शख्स ने अपने दो पहिया वाहन से गलती से गाय के बछड़े को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद उसने गंगा में डुबकी लगाई और गांव वालों को दावत देने को भी राजी हो गया। लेकिन ग्रामीणों ने इससे इनकार कर दिया और कहा कि उसे अपनी बेटी की शादी करनी होगी। जब ये पता चला कि लड़की नाबालिग है, तो महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम और पुलिस की टीम यहां शुक्रवार को पहुंची। तो परिवार ने किसी भी कार्रवाई से इनकार करते हुए ये बात भी मानने से इनकार कर दिया कि लड़की नाबालिग है।
गांव में बाल विवाह हो रहा था
विभाग की पर्यवेक्षक अनिता मौर्या ने कहा, उप खंड मजिस्ट्रेट ने उन्हें बताया कि गांव में बाल विवाह हो रहा है, तो वहां जाकर देखें। उन्होंने बताया कि बच्ची और उसके परिजन अनपढ़ हैं। इनके पास कोई ऐसा दस्तावेज भी नहीं था, जिससे ये साबित हो सके कि इनकी बेटी बालिग है। इसके बाद जब बच्ची का आधार कार्ड देखा गया तो पता चला कि उसका जन्म साल 2007 में हुआ था, और वो महज 13 साल की है।
शादी की तैयारियां चल रही थीं
मौर्या ने आगे कहा कि जिस वक्त उनकी टीम वहां पहुंची तब शादी की तैयारियां चल रही थीं और बहुत से रिश्तेदार भी वहां मौजूद थे। टीम को बताया गया कि दूल्हा रास्ते में है और जल्द शादी के लिए पहुंचने वाला है। मौर्या ने बताया, 'हमारे पास सिवाय इस अवैध शादी को रुकवाने के और कोई रास्ता नहीं था, क्योंकि लड़की नाबालिग है।'
परिवार ने लिखित में कही ये बात
टीम को बच्ची के परिवार ने लिखित तौर पर कहा है कि वह अपनी बेटी की शादी तब तक नहीं करेंगे, जब तक वह 18 साल की ना हो जाए। मौर्या ने बताया कि परिवार के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें बछड़े की मौत के बारे में पता नहीं था और उन्होंने पूछताछ भी नहीं की।
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