तीन साल पहले खरीदे गए वाहनों के लिए FASTag अनिवार्य, जान लीजिए ये नए नियम
नई दिल्ली। देश में टोल टैक्स के डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए FASTag को अनिवार्य किया जा रहा है। यानी अब बिना फास्टैग के गाड़ी सड़क पर नहीं दौड़ाई जा सकेगी। केंद्र सरकार ने इसे लेकर एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें कहा गया है कि दिसंबर, 2017 से पहले खरीदे गए सभी वाहनो में फास्टैग को अनिवार्य किया गया है। इस संबंध में सड़क परिवहन की ओर से एक अधिसूचना भी जारी की गई है, जिसके मुताबिक नियमों में संशोधन किए जाने के बाद 1 जनवरी, साल 2021 से सभी पुराने वाहनों के लिए फास्टैग लेना अनिवार्य होगा।
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थर्ड पार्टी बीमा के लिए भी फास्टैग जरूरी
इसके अलावा इसे गाड़ी के बीमा से भी जोड़ा जा रहा है। जानकारी के अनुसार, अप्रैल 2021 से थर्ड पार्टी बीमा के लिए फास्टैग आवश्यक होगा। आंकड़े बताते हैं कि अभी तक 1.5 करोड़ फास्टैग की बिक्री हुई है। इसके साथ ही ट्रांसपोर्ट वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट लेना है, तो भी फास्टैग जरूरी कर दिया गया है। अपने एक बयान में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि जो वाहन 1 दिसंबर, 2017 से पहले बिके हैं, उनके लिए फास्टैग अनिवार्य करने हेतु हितधारकों से सुझाव लेने के लिए ड्राफ्ट अधिसूचना जारी की गई है। सरकार ने ये प्रस्ताव रखा है कि सेंट्रल मोटर व्हीकल्स रूल्स, 1989 में संशोधित प्रावधानों को 2021 से लागू कर दिया जाएगा।
कैसे ले सकते हैं फास्टैग?
अब बात करते हैं कि फास्टैग कहां से लिया जा सकता है। तो इसे वाहन निर्माता या फिर उसके डीलर से लिया जा सकता है। फास्टैग को उन बैंकों से भी खरीदा जा सकता है, जो राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह कार्यक्रम से अधिकृत हैं। या फिर इसे बैंक से ऑफलाइन भी लिया जा सकता है। अगर चाहें तो आप ऑनलाइन आवेदन करके भी फास्टैग पा सकते है। हालांकि इसकी प्रक्रिया अलग-अलग बैंकों के हिसाब से थोड़ी अलग हो सकती है। आपको बता दे नेशनल परमिट वाले वाहनों के लिए 1 अक्टूबर, 2019 से ही फास्टैग अनिवार्य किया गया है।
क्यों जरूरी है फास्टैग?
फास्टैग वाहनों के लिए अब बेहद जरूरी हो गया है। इसके बहुत से फायदे हैं। इससे आपकी गाड़ी चोरी होने का बाद भी आपको मिल सकती है। ऐसा इसलिए अगर कोई आपकी गाड़ी चोरी करके ले जाता है, तो जहां वो टोल टैक्स भरेगा, वहां से सीधे आपके फोन में टोल टैक्स कटने का मैसज आ जाएगा। या फिर आपकी ईमेल आईडी पर अलर्ट आ जाएगा। ऐसे कई मामले सामने भी आए हैं, जिनमें चोरी की गाड़ी टोल टैक्स कटाए जाने के बाद उसके मालिक को वापस मिली है। ऐसा इसलिए संभव हो पाता है क्योंकि फास्टैग एक ऐसा डिवाइस है, जिसमें रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन तकनीक का इस्तेमाल होता है। इसे गाड़ी की विंडस्क्रीन पर लगा दिया जाता है। ड्राइवर को टोल प्लाजा पर रुकना भी नहीं पड़ता और डिजिटल भुगतान आसानी से हो जाता है। टोल प्लाजा पर फास्टैग को स्कैन करने के लिए स्कैनर की व्यवस्था होती है। वहीं टोल टैक्स का भुगतान सीधे सेविंग अकाउंट या फिर प्रीपेड अकाउंट से हो जाता है।
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