फारूक अब्दुल्ला बोले- अफगानिस्तान में हमारे अरबों डॉलर लगे, तालिबान से बातचीत में हर्ज नहीं
फारूक अब्दुल्ला बोले- अफगानिस्तान में भारत का भारी निवेश, तालिबान से बातचीत में हर्ज नहीं
श्रीनगर, 25 सितंबर: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद फारूक अब्दुल्ला ने सरकार को सलाह दी है कि अफगानिस्तान पर काबिज तालिबान से बातचीत की जानी चाहिए। नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख ने शनिवार को कहा कि तालिबान अब अफगानिस्तान में सत्ता में है और ये सच्चाई स्वीकार करनी होगी। अफगानिस्तान में हमारा भारी निवेश है तो अब उनसे संबंध रखने में क्या हर्ज है। हमें तालिबान सरकार से बात करनी चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, अफगानिस्तान में पिछले शासन के दौरान भारत ने भारी निवेश किया। अफगानिस्तान की स्थितियों को बेहतर बनाने में भारत ने तीन बिलियन डॉलर वहां खर्च किए हैं। जब हमने देश में इतना निवेश कर दिया है तो उनसे संबंध रखने में क्या हर्ज है। अफगानिस्तान में अब तालिबान शासन में है तो हमें उनकी हुकूमत से बातचीत करनी चाहिए। जब हमने पहले ही इतना पैसा खर्च किया है, तो दोस्ती रखने में मुश्किल क्या है। बेहतर होगा कि हमें मौजूदा अफगान शासन से बात करनी चाहिए।
अब्दुल्ला पहले भी दे चुके तालिबान को लेकर बयान
नेशनल कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन फारूक अब्दुल्ला ने कुछ दिन पहले भीअफगानिस्तान में बनी तालिबान की नई सरकार पर बयान दिया था। अब्दुल्ला ने तबउम्मीद जताई थी कि तालिबान अफगानिस्तान में इस्लामिक सिद्धांतों को मानते हुए मानवाधिकारों की रक्षा करेगा। उन्होंने कहा था कि तालिबान ने नियंत्रण कर लिया है और अब उन्हें देश की देखभाल करनी है। मुझे उम्मीद है कि वे सभी के साथ न्याय करेंगे। उन्हें सभी देशों के साथ मित्रतापूर्ण संबंधों पर जोर देना चाहिए।
तालिबान से रिश्तों को लेकर उलझन में दुनिया
अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों की वापसी के बाद अगस्त में तालिबान ने काबुल की सत्ता पर दोबारा काबिज होने में सफलता हासिल की है। तालिबान ने सत्ता में आते ही औरतों और कमजोर तबकों के हकों को छीनना शुरू कर दिया है। ऐसे में दुनिया के ज्यादातर देश उनके साथ रिश्तों को लेकर अभी तक बहुत साफ स्टैंड नहीं ले पा रहे हैं।
भारत सरकार भी तालिबान सरकार के साथ रिश्तों को लेकर सहज नहीं है। भारत लंबे समय से अफगानिस्तान में कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था। अफगानिस्तान की पुरानी सरकारों के साथ भारत के अच्छे संबंध थे। भारत ने अफगानिस्तान में करीब 3 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। ऐसे में भारत के सामने काफी मुश्किल भरी परिस्थिति पैदा हो गई है।
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