भगवान राम सिर्फ हिन्दुओं के नहीं, मैं भी मंदिर में पत्थर लगाने जाऊंगा: फारूक अब्दुल्ला
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नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का मसला कोर्ट के बाहर बातचीत से हल होना चाहिए। अब्दुल्ला ने कहा, भगवान राम सिर्फ हिंदुओं के नहीं है, वो तो पूरी दुनिया के हैं, इस मसले को कोर्ट में घसीटने की नहीं बैठकर सुलझाने की जरूरत है। इसका समाधान जल्द होना चाहिए।
राम से किसी को बैर नहीं
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और लोकसभा सासंद अब्दुल्ला ने कहा, अयोध्या मु्ददे पर सभी पक्षों को मेज पर बैठकर इसे हल करने की कोशिश करनी चाहिए। मुझे भरोसा है इसे बातचीत से ही हल किया जा सकता है। भगवान राम से किसी को बैर नहीं है, ना ही होना चाहिए। कोशिश करनी चाहिए सुलझाने की और बनाने की। जिस दिन यह हो जाएगा, मैं भी एक पत्थर लगाने जाऊंगा।
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भाजपा बस राजनीतिक फायदे को मंदिर मामला उठा रही
अब्दुल्ला ने भाजपा पर अपने राजनीतिक फायदे के लिए मंदिर मामले को उठाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, पिछले पौने पांच साल में भाजपा ने कोई काम नहीं किया है। मंदिर बनाने से बीजेपी का कोई सरोकार ना कभी था और ना है। ये लोग सिर्फ सत्ता तक पहुंचने के लिए मंदिर की बात उठाते हैं।
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10 जनवरी को कोर्ट में सुनवाई
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का विवाद सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। मामले पर शुक्रवार को सुर्पीम कोर्ट में सुनवाई हुई। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले को नई बेंच के पास भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि उसके द्वारा गठित तीन जजों की नई बेंच राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना विवाद मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आदेश देगी।