जम्मू कश्मीर: फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी तीन महीने और बढ़ी
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी शनिवार को तीन और महीने के लिए बढ़ा दी गई है। फारूक अब्दुल्ला को जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही नजरबंद कर लिया गया था। उनके साथ उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन समेत कई नेताओं को भी नजरबंद किया गया है। इन नेताओं को गेस्ट हाउस से लेकर सरकारी बंगलों में रखा गया है।
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला की हिरासत अवधि शनिवार को तीन महीने के लिए और बढ़ा दी गई और वह उपकारागार में परिवर्तित अपने घर में रहेंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अब्दुल्ला पांच बार सांसद रहे हैं। केंद्र ने पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा हटाने और उसके विभाजन की घोषणा की थी और उसी दिन से वह हिरासत में हैं।
नेशनल कांफ्रेस (नेकां) के नेता पर सख्त जन सुरक्षा कानून (पीएसए) पहली बार 17 सितंबर को लगाया गया था, जिसके कुछ ही घंटे बाद एमडीएमके नेता वाइको की एक याचिका पर उच्चतम न्यायालय सुनवाई करने वाला था। याचिका में वाइको ने आरोप लगाया था कि एनसी नेता को गैर कानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है।
अधिकारियों ने बताया कि एनसी अध्यक्ष पर पीएसए के 'सरकारी आदेश के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस कानून के तहत किसी व्यक्ति को बगैर सुनवाई के तीन से छह महीने तक जेल में रखने की इजाजत देता है।
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