'पहले सुई तक नहीं बना सकते थे, लेकिन आज दूसरे देशों को भी...', आजादी के जश्न पर बोले फारुख अब्दुल्ला
'पहले सुई तक नहीं बना सकते थे, लेकिन आज दूसरे देशों को भी...', आजादी के जश्न पर बोले फारुख अब्दुल्ला
श्रीनगर, 15 अगस्त: नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारुख अब्दुल्ला ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने निवास स्थान पर राष्ट्रीय ध्वजारोहण किया। फारूक अब्दुल्ला ने सत्ता से बाहर होने के बाद शायद पहली बार अपने श्रीनगर आवास पर तिरंगा फहराया। उन्होंने देश के नागरिक के रूप में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद लोगों को संबोधित भी किया। फारुख अब्दुल्ला ने कहा,"पहले हम सुई तक नहीं बना सकते थे हम आज कहां पहुंच गए हैं। अब हम न केवल अपने लिए अनाज पैदा कर रहे हैं बल्कि दूसरे देशों में भी निर्यात कर रहे हैं।"
वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने 1947 में राष्ट्रीय तिरंगा स्वीकार किया था, लेकिन कुछ संवैधानिक गारंटी के साथ, जिन्हें "2019 में बुलडोज" किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीरियों को परिणाम भुगतने की धमकी दी गई और राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया है।
श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फ़ारुख़ अब्दुल्ला ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने निवास स्थान पर ध्वजारोहण किया।
उन्होंने कहा, "पहले हम सुई तक नहीं बना सकते थे हम आज कहां पहुंच गए हैं। अब हम न केवल अपने लिए अनाज पैदा कर रहे हैं बल्कि दूसरे देशों में भी निर्यात कर रहे हैं।" pic.twitter.com/t64e6cGpxK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 15, 2022
महबूबा ने एक के बाद एक किए अपने ट्वीट में लिखा, ''ऐसा न हो कि हम भूल जाएं कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने अक्टूबर 1947 में भारतीय ध्वज को स्वीकार कर लिया था। लेकिन कुछ शर्तों और अपने स्वयं के ध्वज के साथ।''
अपने एक अन्य ट्वीट में महबूबा मुफ्ती ने 1950 के दशक की एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को श्रीनगर के लाल चौक में एक सभा को संबोधित करते हुए दिखाया गया था। महबूबा ने तस्वीर के साथ लिखा, ''जवाहर लाल नेहरू दो झंडों के बीच खड़े थे, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज और जम्मू-कश्मीर राज्य ध्वज को 1952 में संवैधानिक रूप से अपनाया गया और 2019 में भाजपा के विभाजनकारी एजेंडे को पूरा करने के लिए बुलडोजर चलाया गया। अब, भारतीय ध्वज का हर मूलभूत मूल्य भी खतरे में है।''
बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रें पार्टी ने शनिवार को जानकारी दी थी कि फारूक अब्दुल्ला कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। हालांकि 85 वर्षीय फारूक अब्दुल्ला ठीक हो रहे हैं और उन्होंने घर पर सेल्फ आइसोलेशन में रखा गया था। सोमवार को तिरंगा फाहराते हुए वह मास्क पहने और बाकियों से सोशल डिस्टेंसिंग करते हुए देखे गए।
पार्टी ने ट्विटर पर लिखा था, "डॉ फारूक अब्दुल्ला ने कुछ दिनों पहले हल्के लक्षणों के साथ कोविड 19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया था। वह ठीक हो रहे हैं और उनके डॉक्टरों ने उनके ठीक होने तक आराम करने की सलाह दी है।"
फारूक अब्दुल्ला ने पहली बार पिछले साल अप्रैल 2021 में कोविड-19 सकारात्मक परीक्षण किया था। फिर बेहतर देखभाल के लिए डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें कुछ दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।