पाकिस्तान चले जाएं फारूक अब्दुल्ला, भारत में 370 और 35 ए के लिए जगह नहीं: संजय राउत
आर्टिकल 370 पाकिस्तान में जाकर मांगे फारूक अब्दुल्ला: संजय राउत
नई दिल्ली। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि जम्मू कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले आर्टिकल 370 और 35 ए को किसी सूरत में बहाल नहीं किया जाएगा। राउत ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला पाकिस्तान चले जाएं और वहां जाकर 370 लागू करा लें। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और दूसरे नेता बीते साल खत्म कर दिए गए आर्टिकल 370 को फिर से बहाल करने की मांग कर रहे हैं। फारूक अब्दुल्ला की इसी मांग पर राउत ने ये प्रतिक्रिया दी है।
370 और 35 ए के लिए कोई स्थान नहीं: राउत
शनिवार को संजय राउत ने कहा, अगर फारूक अब्दुल्ला चाहते हैं तो वह पाकिस्तान चले जाएं और वहां जाकर आर्टिकल 370 को लागू कर सकते हैं। भारत में अनुच्छेद 370 और 35 ए के लिए कोई स्थान नहीं है। शिवसेना कश्मीर में आर्टिकल 370 के मुद्दे को लेकर वहां के नेताओं की मांग पर काफी आक्रामक है। इससे पहले भी राउत फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को लेकर कड़े बयान दे चुके हैं। भाजपा नेता भी कश्मीर के नेताओं पर हमलावर हैं। वहीं कश्मीर के नेता 370 की बहाली को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा के प्रति कड़ा रुख दिखा रहे हैं।
क्या बोले हैं फारूक अब्दुल्ला
शुक्रवार को पार्टी करीब एक साल बाद अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख और सांसद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं तब तक नहीं मरने वाला हूं, जब तक कि जम्मू कश्मीर के लोगों को उसका संवैधानिक अधिकार नहीं दिलवात देता। उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी से डरता नहीं हूं। बीजेपी को अपनी बहादुरी दिखाना हैं तो सीमा पर जाकर दिखाएं, यहां नहीं। अगर वो मुझे मारना चाहते हैं मार दें, जीना और मरना ऊपर वाले के हाथ में है। भले ही मेरी उम्र 80 के पार हो गई है लेकिन अभी मैं जवान हूं और जम्मू कश्मीर के लोगों को उनका हक यानी 370 वापस दिलाए बिना नहीं मरूंगा। अब्दुल्ला ने ये भी कहा कि कश्मीर को पाकिस्तान के साथ जाना होता तो 1947 में चला जाता, हमने फैसला किया है भारत के साथ रहने का और इसको लेकर सवाल नहीं हो सकता।
बीते साल खत्म कर दिया गया था आर्टिकल 370
5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को कई विशेष सुविधाएं देने वाले आर्टिकल 370 को केंद्र सरकार ने खत्म कर दिया था। इस दौरान कश्मीर के सभी राजनीतिक लोगों को हिरासत में ले लिया गया था। इसमें फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ता, सज्जाद लोन जैसे तमाम नाम शामिल थे। करीब एक साल की हिरासत के बाद अब ज्यादातर नेता रिहा हो गए हैं। जिसके बाद कश्मीर के सभी नेताओं ने गुपकर गठबंधन घोषणापत्र के तहत अनुच्छेद 370, अनुच्छेद 35 ए को फिर से बहाल करने के लिए हाथ मिलाया है। कश्मीर के नेताओं का कहना है कि गलत तरह से उनको कैद करके ये आर्टिकल खत्म किया गया, ये धोखा है और इसे वापस किया जाए।