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Farmers Protest: जब कुछ कट्टरपंथियों ने हाईजैक किया आंदोलन, ऐसे बनी दिल्ली में घुसने की योजना

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Farmers Protest Violence: नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड बेकाबू हो गई। जिसके बाद राजधानी में कई जगहों पर हिंसा हुई। हिंसा में एक प्रदर्शनकारी की मौत हुई है जबकि 300 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। किसान नेताओं ने आंदोलन में हिंसा कर रहे तत्वों से किनारा कर लिया है। इस बीच अब सामने आना शुरू हो गया है कि किस तरह से किसान नेताओं के इस शांति पूर्ण होने वाले विरोध प्रदर्शन पर कट्टरपंथी तत्वों ने कब्जा किया और हिंसा शुरू हो गई।

शाम 6 बजे मंच पर हुआ कब्जा

शाम 6 बजे मंच पर हुआ कब्जा

इसकी शुरुआत हुई थी हमारा रूट, रिंग रोड नारे के साथ, जिसे किसानों के साथ प्रदर्शन में जुटे कुछ कट्टरपंथी तत्वों ने शुरू किया था। किसानों ने भी इन्हीं तत्वों पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 26 जनवरी को राजधानी में हुई हिंसा की भूमिका उसके एक रात पहले ही बनी थी जब सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के मंच पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया। छह घंटे तक इस मंच पर कुछ युवाओं ने कब्जा कर लिया और इस पर भाषण दिए जाते रहे।

सोमवार शाम 6 बजे से रात 12 बजे तक कुछ युवा संयुक्त किसान मोर्चा के मंच पर चढ़े रहे और किसान मोर्चा व दिल्ली पुलिस के बीच तय रूट को लेकर अपना विरोध प्रकट किया। इस दौरान उनके विरोध को कई पंजाबी वेब चैनलों के साथ ही कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों ने दिखाया।

रिंग रोड पर जाने के लिए उकसाया गया

रिंग रोड पर जाने के लिए उकसाया गया

रूट बदलने की मांग कर रहे युवाओं के बीच दीप सिद्धू ने कहा था "हमारा नेतृत्व दबाव में हैं। हमें उन पर और दबाव नहीं डालना चाहिए। लेकिन हम उन्हें ऐसा फैसला लेने को कह सकते हैं जो सभी को मान्य हो। उन्हें मंच पर आना चाहिए। अगर वे नहीं आते हैं तो हम फैसला लेंगे। आप सबको निर्णय करना होगा कि ऐसी हालत में फैसला कौन लेगा।"

सिधाना ने मंच से बोलते हुए कहा था कहा कि "हजारों युवा रिंग रोड पर जाना चाहते हैं। किसान मजदूर संघर्ष समिति ने पहले ही तय किया है कि वे रिंग रोड पर जाएंगे। वे हमारे आगे प्रदर्शन कर रहे हैं इसलिए हमारे ट्रैक्टर उनके पीछे चलेंगे। इसलिए अगर कोई रिंग रोड पर जाना चाहता है तो वह किसान मजदूर संघर्ष समिति के पीछे चले। इसमें क्या समस्या है.. आप शांत हो जाइए।"

जब मंच से भाषण दिया जा रहा था इस दौरान वहां पर मौजूद युवा 'हमारा रूट, रिंग रोड,' 'परेड रोड, रिंग रोड' जैसे नारे लग रहे थे। भीड़ में कई ने किसान नेताओं पर दिल्ली पुलिस के सामने झुकने का भी आरोप लगाया था।

रिंग रोड पर जाने के लिए उकसाया गया

रिंग रोड पर जाने के लिए उकसाया गया

रूट बदलने की मांग कर रहे युवाओं के बीच दीप सिद्धू ने कहा था "हमारा नेतृत्व दबाव में हैं। हमें उन पर और दबाव नहीं डालना चाहिए। लेकिन हम उन्हें ऐसा फैसला लेने को कह सकते हैं जो सभी को मान्य हो। उन्हें मंच पर आना चाहिए। अगर वे नहीं आते हैं तो हम फैसला लेंगे। आप सबको निर्णय करना होगा कि ऐसी हालत में फैसला कौन लेगा।"

सिधाना ने मंच से बोलते हुए कहा था कहा कि "हजारों युवा रिंग रोड पर जाना चाहते हैं। किसान मजदूर संघर्ष समिति ने पहले ही तय किया है कि वे रिंग रोड पर जाएंगे। वे हमारे आगे प्रदर्शन कर रहे हैं इसलिए हमारे ट्रैक्टर उनके पीछे चलेंगे। इसलिए अगर कोई रिंग रोड पर जाना चाहता है तो वह किसान मजदूर संघर्ष समिति के पीछे चले। इसमें क्या समस्या है.. आप शांत हो जाइए।"

जब मंच से भाषण दिया जा रहा था इस दौरान वहां पर मौजूद युवा 'हमारा रूट, रिंग रोड,' 'परेड रोड, रिंग रोड' जैसे नारे लग रहे थे। भीड़ में कई ने किसान नेताओं पर दिल्ली पुलिस के सामने झुकने का भी आरोप लगाया था।

सिद्धू ने वीडियो जारी कर दी सफाई

सिद्धू ने वीडियो जारी कर दी सफाई

सोमवार को ही किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (KMSC) ने रिंग रोड पर परेड ले जाने की घोषणा की थी। KMSC का प्रदर्शन स्थल भी सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के स्थल के पास ही है। मंगलवार को जहां संयुक्त किसान मोर्चा ने तय रूट पर रैली निकाली वहीं कई सारे प्रदर्शनकारी पहले ही रिंग रोड पर जा चुके थे। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने कहा है कि उनका लाल किले पर जाने का कोई इरादा नहीं था। मजनू का टीला से कुछ प्रदर्शनकारी लाल किले की तरफ जाने लगे और स्थिति हमारे हाथ से निकल गई।

गणतंत्र दिवस पर हुई घटना के दौरान सिद्धू वहां मौजूद थे जबकि सिधाना की मौजूदगी अभी तक साफ नहीं हो पाई है। लाल किले की घटना के चौतरफा विरोध के बाद दीप सिद्धू ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया। हिंदी में जारी बयान में सिद्धू ने कहा ये कई महीनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन का परिणाम था। इसके लिए किसी एक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। सिद्धू ने लाल किले पर निशान साहिब और किसान यूनियन का झंडा फहराने की बात स्वीकार की लेकिन कहा कि तिरंगे का कोई अपमान नहीं किया गया।

सिद्धू को भेजा है NIA ने नोटिस

सिद्धू को भेजा है NIA ने नोटिस

सिद्धू ने कहा कि "मैने पहले ही चेतावनी दी थी कि नेताओं ने युवाओं की भावना के विपरीत फैसला लिया है। जब संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं से ऐसा फैसला लेने को कहा गया जो सबके स्वीकार हो तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया। कैसे दीप सिद्धू इतनी बड़ी भीड़ को उकसा सकता है.. आप एक भी वीडियो नहीं पाएंगे जिसमें मैं लोगों को लाल किले की ले जाते दिख रहा हूं। सभी खुद से ही वहां पहुंचे थे।"

सिद्धू और उनके भाई मनदीप सिंह उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें इसी महीने एनआईए ने प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस से संबंध के मामले में समन भेजा है। वहीं सिधाना कई गंभीर अपराध करने का आरोप रहा है। हालांकि कोर्ट से उसे बरी कर दिया गया है और 2012 में उसने मनप्रीत सिंह बादल की पीपल्स पार्टी से पंजाब का विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था।

Farmers Tractor rally:पहले से थी साजिश की भनक तो चुप क्यों रहे किसान नेता ?Farmers Tractor rally:पहले से थी साजिश की भनक तो चुप क्यों रहे किसान नेता ?

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English summary
Farmers Tractor parade how a group hijacked protest a night before
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