किसानों के विरोध का 5वां दिन, गुरु पर्व के मौके पर गुरबानी के पाठ से गूंजा सिंधू बॉर्डर
किसानों के विरोध का 5वां दिन, गुरु पर्व के मौके पर गुरबानी के पाठ से गूंजा सिंधू बॉर्डर
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का पांचवें दिन प्रदर्शन जारी है। विरोध प्रदर्शन के बीच ही किसानों ने बॉर्डर पर ही गुरु पर्व पर गुरबानी का पाठ किया। कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर और टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने वहीं बैठकर गुरबानी का पाठ किया। कृषि कानूनों के खिलाफ बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई कहा, "हमें यहां रूकने से कोई फायदा नहीं है,अभी तक कोई पूछने नहीं आया। हम यहां रहने नहीं आए हैं। दिल्ली के सभी बॉर्डर सील किए जाएंगे, उसके बाद ये लोग सुनेंगे।"
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गुरु नानक जयंती पर ट्रैक्टर ट्रॉलियों से भरे सिंघु सीमा विरोध स्थल पर गुरुओं (गुरबानी) के शब्दों से बॉर्डर गूंजा। किसानों ने गृह मंत्री अमित शाह के अपील को ठुकराते हुए दिल्ली के बुराड़ी मैदान में विरोध करने और सीमाओं पर नाकेबंदी हटाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
किसानों ने कहा है कि अमित शाह ने जो प्रस्ताव रखा था उसमें उन्होंने शर्त दिया था कि अगर हम बुराड़ी मैदान में शिफ्ट होंगे तो ही वो हमसे बात करेंगे। ये किसानों को मंजूर नहीं है। बातचीत में कोई प्रस्ताव नहीं होना चाहिए।
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, बसपा सुप्रीमो मायावती, अखिलेश यादव सहित कई नेताओं ने इस नए किसान कानून का विरोध किया है।
पीएम मोदी ने मन की बात में नए कृषि कानून पर की बात
केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (29 नवंबर) को मन की बात कार्यक्रम में कहा, संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप काफी विचार-विमर्श के बाद दिया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को इससे ''नए अधिकार और नए अवसर'' मिले हैं।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों में विकास के अवसर खुलेंगे। पीएम मोदी ने कहा, इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन खत्म हुए हैं। उनको नए अधिकार और अवसर भी मिले हैं।