हाइवे जाम कर प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ आज ग्रामीणों की महापंचायत
नई दिल्ली, 20 जून। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन, किसान नेता और किसान पिछले 7 महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ये किसान राष्ट्रीय राजमार्ग पर रास्ता रोककर प्रदर्शन कर रहे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित होने की वजह से यहां आस-पास रहने वाले ग्रामीण इलाकों में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना कर रहा है। लेकिन सात महीने के बाद भी यह प्रदर्शन अभी भी जारी है, ऐसे में इन ग्रामीण इलाकों में रहने वालों ने अब किसानों को मुख्य हाइवे से हटाने के लिए मुहिम शुरू करने का फैसला लिया है। इस बाबत दिल्ली हरियाणा के तमाम गांवों के लोगों ने 36 बिरादरी की महापंचायत बुलाई है, जिसमे किसान आंदोलन की वजह से हो रही दिक्कत पर चर्चा की जाएगी।
हाइवे पर किसानों के प्रदर्शन की वजह से किसानों और ग्रामीणों के बीच पहले भी झड़प हो चुकी है। टिकरी बॉर्डर पर हालात काफी तनावपूर्ण हो गए थे। गाजीपुर बॉर्डरपर भी लोगों ने किसान प्रदर्शन का विरोध किया था। टिकरी बॉर्डर पर मुकेश नाम के युवक को जिंदा जलाकर मार दिया गया था। लोगों का आरोप था कि किसान नेताओं ने युवक को जलाया था। ऐसे में किसानों को हाइवे से हटाने के लिए 36 बिरादरी की महापंचायत जांटी रोड, सिधु स्कूल के पास सेरसा गांव में स्थिति बारात घर में होने जा रही है। जिसमे तकरीबन 3 हजार लोगों के शामिल होने की खबर है। इस दौरान लोग अपनी समस्या को लोगों के बीच रखेगे जिसके बाद किसान के प्रदर्शन के खिलाफ आंदोलन का फैसला लिया जाएगा।
हाइवे पर हो रहे किसान आंदोलन की वजह से आस-पास के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। यहां रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि हम किसान आंदोलन के पक्ष में थे, लेकिन अब ये लोग हमारे लोगों के साथ ही मारपीट कर रहे हैं। लिहाजा आज होने वाली महापंचायत में ग्रामीण बड़ा फैसला ले सकते हैं, जिसपर हर किसी की नजर है।