किसान आंदोलन के समर्थन में सोनाक्षी सिन्हा ने पढ़ी कविता, बोलीं- 'ये तुम्हें दंगे दिखाई देते हैं, क्यों...'
किसान आंदोलन के समर्थन में सोनाक्षी सिन्हा ने पढ़ी कविता, बोलीं- 'ये तुम्हे दंगे दिखाई देते हैं, क्यों...'
Sonakshi Sinha on farmers protest: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश में ढाई महीने से किसान आंदोलन जारी है। भारत के किसान आंदोलन का मुद्दा अब वैश्विक (ग्लोबल) मामला बन गया है। किसान आंदोलन का भारतीय कलाकारों के साथ-साथ विदेशी कलाकारों ने भी समर्थन किया है। अब बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा भी किसान आंदोलन के समर्थन में आ गई हैं। सोनाक्षी सिन्हा ने किसान आंदोलन के समर्थन में एक कविता पढ़ी है। कविता में सोनाक्षी ने सवाल किया है कि क्या ये किसान आंदोलन तुम्हें दंगे दिखाई देते हैं। सोनाक्षी सिन्हा ने किसान आंदोलन पर आधारित वीडियो को शेयर किया है, जिसके बैकग्राउंड में कविता सुनाई दे रही है।
सोनाक्षी सिन्हा द्वारा किसान आंदोलन के समर्थन में शेयर किया गया यह वीडियो वायरल हो रहा है। इंस्टाग्राम पर सोनाक्षी ने इस वीडियो को शेयर किया है। सोनाक्षी ने वीडियो को शेयर कर कैप्शन लिखा है, ''नजरें मिलाकर खुद से पूछो क्यों...? वरद भटनागर की लिखी हुई यह कविता उन किसानों के प्रति सम्मान है, जो हमें खिलातें हैं। इसको शूट गुरसंजम पूरी ने की है और इसे मैं पढ़ रही हूं।'' वीडियो पर 8 लाख 43 हजार से ज्यादा व्यूज हैं और डेढ लाख लाइक्स हैं। (खबर लिखे जाने तक)
कविता के बोल हैं, "क्यों सब पूछते हैं क्यों...क्यों हम सड़कों पर उतर आए हैं? खेत खलिहान के मंदिर छोड़ क्यों बंजर शहर में घुस आए हैं? ये माटी, बोरी, हसिया दराती वाले हाथ, क्यों हमने राजनीति के दल-दल में सनवाए हैं? दही मक्खन और गुड़ वाले ने क्यों इरादे मशालों से सुलगाए हैं। बूढ़ी आंखों और नन्हे कदमों ने क्यों ये दंगे भड़काए हैं... ये तुम्हें दंगे वाले लगते हैं...क्यों अपने ही हिस्से की रोटी खाना जायज नहीं है...क्यों? मक्के दी रोटी, सरसों दा साग, वैसे तो बड़े चटकारे लेते हो, अब उन्ही के खातिर ये सब करना ठीक नहीं है, क्यों? नजर मिलाकर जरा खुद से पूछो क्यों?''