सचिन, कोहली का ट्वीट शशि थरूर को नहीं आया रास, कहा- क्रिकेटरों के ट्वीट से नहीं सुधरेगी भारत की छवि
सचिन, कोहली का ट्वीट शशि थरूर को नहीं आया रास, कहा- क्रिकेटरों के ट्वीट से नहीं सुधरेगी भारत की छवि
Shashi Tharoor On Celebs Tweeting After Rihanna Post over Farmers Protest: भारत में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना और अन्य इंटरनेशनल सेलेब्रिटीज के बयान पर विवाद जारी है। ग्लोबल सेलेब्रिटीज को जवाब देने के लिए भारत में #IndiaTogether ट्रेंड चलाया गया। इस ट्रेंड के साथ भारतीय फिल्मी कलाकारों से लेकर क्रिकेटरों तक ने ट्वीट किया। यहां तक की भारतीय क्रिकेट कैप्टन विराट कोहली और महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भी इस हैशटैग के साथ ट्वीट किया। भारतीय सेलेब्रिटीज ने ट्वीट कर बताया कि किसान आंदोलन भारत का आंतरिक मामला है और इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। इस पूरे मामले पर अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने कहा है कि भारत की वैश्विक छवि को जो नुकसान पहुंचा है, उसकी भरपाई क्रिकेटरों के ट्वीट से नहीं होगी।''
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बुधवार (04 फरवरी) को किए गए ट्वीट में शशि थरूर ने लिखा, ''भारत सरकार के लिए इंडियन सेलेब्रिटीज से वेस्टर्न हस्तियों पर पलटवार कराना शर्मनाक है। भारत सरकार के अड़ियल और अलोकतांत्रितक रवैये से भारत की वैश्विक छवि को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई क्रिकेटरों के ट्वीट से नहीं की जा सकती है। इसलिए कानून वापस लीजिए और समाधान पर किसानों के साथ चर्चा कीजिए। तभी आप #IndiaTogether पाएंगे।''
For GoI to get Indian celebrities to react to Western ones is embarrassing. The damage done to India's global image by GoI's obduracy &undemocratic behaviour can't be remedied by a cricketer's tweets. Withdraw the farm laws &discuss solutions w/farmers &you'll get #IndiaTogether.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 3, 2021
पी चिंदबरम ने भी कसा तंज
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिंदबरम ने भी इस पूरे मामले पर मोदी सरकार की आलोचना की। पी चिंदबरम ने ट्वीट कर लिखा, ''अच्छा है कि रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग विदेश मंत्रालय (MEA) को जगा सकती हैं। विदेश मंत्रालय, आप इस बात को कब महसूस करेंगे मानव अधिकारों और आजीविका के मुद्दों से संबंधित लोग राष्ट्रीय सीमाओं को नहीं पहचानते हैं?''
एक अन्य ट्वीट में पी चिंदबरम ने सवाल किया, ''विदेश मंत्रालय ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट पर टिप्पणी क्यों की? यह विदेश मंत्रालय के लिए बेहद चिंता का विषय क्यों था?, विदेश मंत्रालय श्रीलंका और नेपाल के 'आंतरिक' मामलों पर नियमित रूप से टिप्पणी क्यों करता है?''
Why did MEA comment on the military coup in Myanmar? Why is it “deeply concerning” to the MEA?
Why does MEA regularly comment on issues that are “internal” to Sri Lanka and Nepal?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 3, 2021
पी चिंदबरम ने कहा कि उन्हें इस बात की हैरानी है कि एस जयशंकर (विदेश मंत्री) जैसे विद्वान व्यक्ति विदेश मंत्रालय द्वारा ऐसी 'बचाकानी प्रतिक्रिया' देने की इजाजत कैसे दे सकते हैं।
असल में किसान आंदोलन के समर्थन में रिहाना और अन्य इंटरनेशनल सेलेब्रिटीज के बयान आने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था, किसानों का मामला भारत का आंतरिक मसला है। ऐसे ही किसी भी बाहरी व्यक्ति या संस्था को इसपर बयानबाजी करने से बचना चाहिए।