पंजाब: कोरोना नियमों की उड़ी धज्जियां, ठसाठसी भरी ट्रॉलियों में किसानों ने दिल्ली के लिए किया कूच
चंडीगढ़, मई 05। कोरोना वायरस महामारी की भयानक तीसरी लहर के बीच केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। पिछले साल नवंबर में शुरु हुए किसानों के इस आंदोलन को 6 महीने से भी अधिक समय हो चुका है लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांगों से पीछे हटने को राजी नहीं हैं। इस बीच पंजाब में किसान मजदूर संघर्ष समिति के सैकड़ों समर्थकों ने कोरोना वायरस प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ाई। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों संग महिलाएं और बुजुर्गों ने दिल्ली के सिंघू सीमा पर पहुंचने से पहले अमृतसर जिले के ब्यास शहर में एकत्र हुए और कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब से दिल्ली की तरफ रवाना हुए किसानों को पुलिस ने बिना जांच किए आगे जाने दिया। बुधवार को ब्यास नदी पर बने अमृतसर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पुल पर दर्जनों ट्रैक्टर-ट्रेलर, कार और टेम्पो-यात्रियों का भारी जुलूस देखने को मिला। कुछ ट्रेलरों में 30 से अधिक लोगों को एक साथ बैठे देखा गया। दिल्ली की ओर कूच करने से पहले किसान ब्यास शहर में सरकार और कुछ कॉरपोरेट घरानों के खिलाफ नारे लगाने के लिए इकट्ठा हुए।
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प्रदर्शनकारियों के गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की उम्मीद है। यह पूछे जाने पर कि कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने पर भी उनकी खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, इस पर डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा ने कहा कि वह अमृतसर (ग्रामीण) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ध्रुव दहिया से रिपोर्ट मांगेंगे। उन्होंने कहा, जो भी कानूनी कार्रवाई होगी, उस पर एसएसपी से चर्चा की जाएगी। बता दें कि अमृतसर पंजाब के कोरोना हॉटस्पॉट जिलों में से एक है। यहां 5,000 से अधिक सक्रिय मामले हैं और 1,014 लोगों की मौत हो चुकी है। मंगलवार को जिले से कुल 674 सकारात्मक मामले सामने आए थे।