किसानों की कानूनी मदद के लिए सीएम अमरिंदर ने बनाई 70 वकीलों की टीम, बुलाई सर्वदलीय बैठक
कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 2 महीनों से भी ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसानों का आंदोलन अब तेज होता जा रहा है।
नई दिल्ली। Farmers Agitation latest news. केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 2 महीनों से भी ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के किसानों का आंदोलन अब तेज होता जा रहा है। आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि आने वाली 6 फरवरी को आंदोलनकारी किसान तीन घंटे के लिए देशभर में सड़कों को ब्लॉक करेंगे। इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी किसानों के मुद्दे को लेकर मंगलवार यानी आज चंडीगढ़ के पंजाब भवन में सभी दलों की बैठक बुलाई है।
सीएम अमरिंदर सिंह ने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा, 'गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा की घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने जिन किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए हैं, उनकी लड़ाई लड़ने के लिए पंजाब सरकार ने 70 वकीलों की एक टीम बनाई है। मैं व्यक्तिगत तौर पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के सामने उस घटना के बाद लापता हुए किसानों का मुद्दा उठाऊंगा और यह सुनिश्चित करूंगा कि ये लोग सकुशल अपने घर पहुंचें। किसी भी तरह की सहायता के लिए आप लोग 112 पर फोन कर सकते हैं।' अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसानों पर आए संकट के इस समय में सभी दलों को साथ आना चाहिए।
'अपनी
जान
हथेली
पर
लेकर
सड़कों
पर
बैठे
हैं
किसान'
वहीं,
सोमवार
को
शिरोमणि
अकाली
दल
के
नेता
सुखबीर
सिंह
बादल
ने
मोदी
सरकार
पर
हमला
बोलते
हुए
कहा,
'किसान
अपनी
जान
हथेली
पर
लेकर
सड़कों
पर
उतरे
हुए
हैं।
कई
किसानों
की
जान
जा
चुकी
है,
लेकिन
केंद्र
सरकार
को
इसकी
कोई
चिंता
नहीं
है।
जब
किसान
अपनी
मांगों
को
लेकर
इस
भीषण
ठंड
में
खुले
में
बैठ
सकते
हैं,
आंदोलन
कर
सकते
हैं,
तो
क्या
प्रधानमंत्री
वहां
जाकर
उनसे
मुलाकात
नहीं
कर
सकते।
क्या
उनके
मंत्री
किसानों
से
मिलने
नहीं
जा
सकते
और
बातचीत
के
जरिए
कोई
समाधान
नहीं
निकाल
सकते।'
किसानों
के
मुद्दे
पर
बुलाई
गई
सर्वदलीय
बैठक
में
शामिल
होने
को
लेकर
सुखबीर
सिंह
बादल
ने
तीन
सदस्यों
की
एक
कमेटी
का
भी
गठन
किया
है।
इस
कमेटी
में
पार्टी
के
नेता
प्रेम
सिंह
चंदूमाजरा,
महेशिंदर
सिंह
ग्रेवाल
और
दलजीत
सिंह
चीमा
को
रखा
गया
है।