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किसान मार्च पर वाटर कैनन चलाए जाने पर भड़के कैप्टन अमरिंदर सिंह, खट्टर से पूछा ये सवाल

किसान मार्च पर वाटर कैनन चलाए जाने पर भड़के कैप्टन अमरिंदर सिंह, खट्टर से पूछा- किसानों को क्यों रोक रहे हैं आप?

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नई दिल्ली। देश के कई राज्यों से दिल्ली के लिए मार्च कर रहे किसानों पर पुलिस की सख्ती को लेकर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कड़ा एतराज जताया है। अमरिंदर सिंह ने पंजाब से दिल्ली के लिए निकले किसानों को हरियाणा में पुलिस के रोकने, उन पर आंसू गैस के गोले दागने और वाटर कैनन चलाने को ज्यादती और पूरी तरह से अलोकतांत्रिक कहा है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरियाणा सरकार के रवैये की निंदा करते हुए मनोहर लाल खट्टर से सवाल किया है कि आखिर किसानों को रोकने की वजह क्या है? किसान दिल्ली जा रहे हैं तो उन पर इस तरह से बर्बरता क्यों की जा रही है।

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केंद्र सरकार की ओर से खेती किसानी से जुड़े तीन नए कानून हाल ही में लाए गए हैं। इन कानूनों को लेकर देशभर के किसान आंदोलित हैं। किसानों का कहना है कि ये कानून खेती को बर्बाद कर देंगे, ऐसे में उनके जो खतरे इन कानूनों को लेकर हैं उन्हें सरकार सुने और हल निकाले। इन्हीं कानूनों के विरोध में हजारों किसान आज (26 नवंबर) को दिल्ली के लिए मार्च कर रहे हैं। पंजाब से काफी संख्या में किसान दिल्ली के लिए निकले हैं। हरियाणा ने पंजाब से लगी अपनी सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया है। पंजाब से लगी सीमाओं पर बड़ी संख्या में हरियाणा पुलिस की तैनाती की गई है। हरियाणा में अंबाला के सादोपुर बॉर्डर और दूसरे रास्तों पर पुलिस ने दिल्ली आ रहे प्रदर्शनकारी किसानों को तितर बितर करने के लिये वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया है। वहीं दिल्ली आने वाले सभी रास्ते भी सील कर दिए गए हैं।

हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी खट्टर सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि किसानों की मांगों को सुनने के बजाए सरकार उन पर अत्याचार कर रही है। हमारे देश के इस प्रजातंत्र में शांतिपूर्ण ढंग से अपने हक की बात कहने वाले किसानों के रास्ते में बड़े-बड़े पत्थर रखवाना, वाटर कैनन से रोकना उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। किसानों को रोकने के लिए सरकार को इस तरह का तानाशाही रवैया नहीं अपनाना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि बढ़ती सर्दी के मौसम और कोरोना काल में लोगों पर पानी की तीखी बौछार करना अत्याचार है।

मोदी सरकार जो तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। इन कानूनों के खिलाफ किसानों ने 'दिल्ली चलो' का नारा दिया है। किसान यूनियन, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, राष्ट्रीय किसान महासंघ, भारतीय किसान संघ ने तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर इस मार्च में शामिल हैं। किसानों का कहना है कि करीब 500 किसान संगठन इस मार्च में शामिल हैं।

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English summary
farmers protest Punjab CM Cap Amarinder Singh condemns Haryana govt forcible attempts to prevent farmers from marching to Delhi
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