पी चिदंबरम का दावा- कृषि कानूनों पर सरकार ने किसी से नहीं ली सलाह, गलती स्वीकार कर मांगे माफी
नई दिल्ली। Farmers Protest: पिछले डेढ़ महीने से नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन (kisan andolan) खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के हस्तक्षेप के बाद भी हजारों की संख्या में किसान इस कड़ाके की ठंड में दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे हुए हैं। इस बीच शुक्रवार को किसान और केंद्र सरकार (central government) के बीच नौवें दौर की वार्ता हुआ। पिछली सभी वार्ताओं की तरह यह बैठक भी बेनतीजा नहीं और अगले दौर की चर्चा के लिए नई तारीख दे दी गई। किसानों संग विफल हो रही वार्ताओं को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
पी चिदंबरम ने शनिवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। चिदंबरम ने कहा कि सरकार को नए कृषि कानूनों पर अपनी गलती मान लेनी चाहिए और किसानों संग गतिरोध को खत्म करना चाहिए। पी चिदंबरम ने 9वें दौर की वार्ता को लेकर अपने पोस्ट में लिखा, 'जैसा कि उम्मीद था, किसानों और सरकार के बीच वार्ता का एक और दौर विफल रहा है। दोष सरकार के साथ है क्योंकि वह विवादित कानूनों से छुटकारा पाने के लिए सहमत नहीं होगी।'
एक अन्य ट्वीट में चिदंबरम ने लिखा, 'RTI के जवाबों ने सरकार के झूठे दावों को उजागर किया है कि फार्म कानून अध्यादेशों की घोषणा से पहले व्यापक विचार-विमर्श किया गया था। सच्चाई यह है कि किसी से भी सलाह नहीं ली गई थी। विशेष रूप से, राज्य सरकारों से परामर्श नहीं किया गया था। गतिरोध से बाहर निकलने का एकमात्र तरीका सरकार को अपनी गलती स्वीकार करना और नए सिरें से बात शुरू करने के लिए सहमत होना है।' बता दें कि ने पहले भी कई मौकों पर किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
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