Farmers Protest: शरद पवार समेत आठ विपक्षी पार्टियों की मांग, किसानों को रामलीला मैदान में आने दिया जाए
Farmers Protest: आठ विपक्षी पार्टियों की मांग, किसानों को रामलीला मैदान में आने की दी जाए इजाजत
नई दिल्ली। हरियाणा, पंजाब और दूसरे राज्यों के किसानों के आंदोलन को लेकर आठ विपक्षी दलों ने बजान जारी कर केंद्र सरकार के रवैये की आलोचना की है। इन दलों ने किसानों को निरंकारी समागम मैदान की बजाय रामलीला ग्राउंड में जाने की इजाजत देने की मांग की है ताकि किसान आसानी से अपना आंदोलन कर सकें। जिन दलों ने ये बयान जारी किया है, उसमें एनसीपी के शरद पवार, डीएमके के टीआर बालू, सीपीआईएम के सीताराम येचुरी, सीपीआईएमएल के दीपांकर भट्टाचार्य, राजद के मनोज झा, सीपीआई के डी राजा, एआईएफबी के दीबारात्रा बिश्वास और आरएसपी के मनोज भट्टाचार्य शामिल हैं।
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इन नेताओं की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि किसान कृषि विरोधी बिलों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। वो दिल्ली आना चाहते हैं तो उनके रास्ते खोद दिए जाते हैं और उन पर बर्बरता की हद तक जाकर वाटर कैनन और आंसू गैस चलाया जाता है। केंद्र सरकार अलोकतांत्रिक रास्ता अख्तियार कर रही है और अन्नदाता पर जुल्म कर रही है। अब जबकि बहुत ही बहादुरी दिखाते हुए किसान दिल्ली पहुंच गया है तो उसे एक छोटी जगह दी जा रही है। हमारी मांग है कि रामलीला मैदान या उतना ही बड़ा कोई ग्राउंड अपने धरने के लिए दिया जाए।
बता दें कि मोदी सरकार हाल ही में खेती से जुड़े तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। इन कानूनों के खिलाफ किसानों ने 'दिल्ली चलो' का नारा दिया है। कानूनों के विरोध में हजारों किसानों ने 26 नवंबर को दिल्ली की ओर कूच किया था। जिसके बाद सरकार से टकराव के साथ कुछ किसान दिल्ली पहुंच गए हैं तो कुछ अभी भी दिल्ली बॉर्डर पर हैं। किसानों को बुराड़ी में निरंकारी मैदान में धरने की इजाजत दी गई है। जिसको लेकर किसानों में भी एक धड़ा नाखुश है।
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