सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने जिस शूटर को पकड़ा, उसपर पुलिस ने कहा- 'डर की वजह से संदिग्ध ने गलत बयान दिया'
सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने जिस शूटर को पकड़ा, उसपर पुलिस ने कहा- 'डर की वजह से संदिग्ध ने गलत बयान दिया'
Farmers protest: Police on "Assassin" Presented By Farmers: दिल्ली की सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के बीच से किसान नेताओं ने संदिग्ध शूटर को पकड़कर पुलिस को सौंपा था। इस पूरे मामले पर अब हरियाणा पुलिस का बयान शनिवार (23 जनवरी) को सामने आया है। मीडिया से बात करते हुए पुलिस ने कहा आंदोलन करने वाले किसानों ने जिस संदिग्ध व्यक्ति को शुक्रवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर पेश किया था, वह आंदोलन में हंगामा करने और 26 जनवरी के दिन 4 किसान नेताओं को गोली मारने की बात झूठ बोल रहा है। पुलिस ने कहा है कि संदिग्ध डर की वजह से गलत बयान दे रहा है। किसान नेताओं ने शुक्रवार (22 जनवरी) को संदिग्ध को पेश कर दावा किया था कि शख्स उनके चार नेताओं की गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को हत्या करने वाला था और वहीं ट्रैक्टर रैली में बाधा भी डालना चाहता था।
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जानिए हरियाणा पुलिस ने क्या-क्या कहा?
-सोनीपत के जिला पुलिस प्रमुख जशनदीप सिंह रंधावा ने कहा, "उसने (संदिग्ध) कल आरोप लगाया था, राय थाने के एक इंस्पेक्टर प्रदीप, एसएचओ (स्टेशन हाउस ऑफिसर) ने उसे यह जिम्मा सौंपा था। लेकिन हमारी प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि प्रदीप नाम का कोई इंस्पेक्टर जिले में या राय थाने में है ही नहीं।''
-पुलिस ने कहा है कि संदिग्ध सोनीपत का रहने वाला है। उसके पिता एक सोइया हैं और मां घरों में बर्तन धोने का काम करती है। नकाब पहने जिस शख्स ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था वो एक फैक्ट्री में काम करता था। कोरोना वायरस के बाद लगाए गए लॉकडाउन में उसे काम से निकाल दिया गया था। वर्तमान में वो बेरोजगार था।
-पुलिस ने कहा कि पूछताछ करने पर यह पता चला कि ईव-टीजिंग के आरोपों को लेकर किसान स्वयंसेवकों के साथ संदिग्ध की बहस हुई थी। शख्स ने पुलिस बताया कि बहस के बाद उसे एक कैंप में ले जाया गया जहां उसकी पिटाई की गई। पुलिस ने कहा कि शख्स ने डर के तहत बयान दिए। व्यक्ति के खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं पाया गया है। हमने उसको गिरफ्तार करके नहीं रखा है।
-पुलिस अधिकारी ने कहा, "उसने (संदिग्ध) आरोप लगाया था कि उसे एक लैंडलाइन नंबर से कॉल आती थी। लेकिन हमारी जांच में इकट्ठा किए गए विवरण में ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है। शख्स 10 जनवरी को करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की रैली में भी मौजूद नहीं था।"
-कथित तौर पर 21 साल की उम्र के संदिग्ध व्यक्ति को दिल्ली के बाहरी इलाके में सिंघू सीमा पर कथित रूप से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने 22 जनवरी को पकड़ा था। जिन्होंने उसे शुक्रवार रात पत्रकारों के सामने पेश किया था। जिसके बाद किसान नेताओं ने उसे पुलिस को सौंप दिया था।