करनाल रैली रद्द होने के बाद बोले सीएम खट्टर, 'किसी भी कीमत पर वापस नहीं होंगे कृषि कानून'
मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसान संगठन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी प्रदेश की जनता को कानून-व्यवस्था बिगाड़ने के लिए उकसा रहे हैं।
नई दिल्ली। Haryana CM Manohar Lal Khattar reacts over farmers protest at Karnal rally. हरियाणा के करनाल में किसानों के विरोध के चलते अपनी रैली रद्द करने को मजबूर हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए प्रदेश में कानून-व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाया है। मनोहर लाल खट्टर ने अपनी रैली रद्द होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियां और किसान संगठन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी प्रदेश की जनता को कानून-व्यवस्था बिगाड़ने के लिए उकसा रहे हैं। खट्टर ने कहा कि ये लोग अच्छी तरह से समझ लें कि केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है, लेकिन कानून वापस नहीं लिए जाएंगे।
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करनाल रैली रद्द होने के बाद चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कॉन्फेंस में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा, 'नए कृषि कानून पूरी तरह से किसानों के हित में हैं और केंद्र सरकार इन्हें वापस नहीं लेगी। यह बात एकदम निश्चित है। भले ही इसमें राज्य सरकारों को छूट दे दी जाए, लेकिन तब भी इन कानूनों में केवल संशोधन ही होंगे। अगर कृषि कानूनों के कुछ प्रावधानों को लेकर किसानों को आपत्ति हैं, तो उन्हें बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है। लेकिन, मुझे नहीं लगता कि सरकार इन कानूनों को वापस लेने जा रही है। मुझे पूरी उम्मीद है कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच चल रही बातचीत सही दिशा में जा रही है और इसीलिए बैठक की अगली तारीख तय की गई है।
'कृषि
कानूनों
पर
एक
साल
का
इंतजार
करना
चाहिए'
मनोहर
लाल
खट्टर
ने
कहा,
'सरकार
की
तरफ
से
जब
भी
कोई
नई
योजना
बनाई
जाती
है,
तो
उसके
सकारात्मक
परिणाम
आने
में
कुछ
समय
लगता
है।
हमें
कुछ
समय
का
इंतजार
करना
चाहिए,
अगर
फिर
भी
लगता
है
कि
कृषि
कानूनों
में
कुछ
कमियां
हैं
तो
हम
सरकार
के
पास
जा
सकते
हैं।
मेरा
मानना
है
कि
हमें
कृषि
कानूनों
के
फायदे
देखने
के
लिए
कम
से
कम
एक
साल
का
इंतजार
करना
चाहिए।
आज
भी
इन
कृषि
कानूनों
में
किसी
तरह
की
कोई
बाध्यता
नहीं
है।
मंडियों
की
व्यवस्था
है,
एमएसपी
की
भी
व्यवस्था
है
और
आगे
भी
जारी
रहेगी।
किसानों
को
बस
विकल्प
दिए
गए
हैं
कि
वो
अपनी
फसल
को
कहीं
भी
बेच
सकते
हैं।'
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