Farmers protest Haryana:BJP-JJP नेताओं की बढ़ी मुसीबत, कैसे पाएं छुटकारा ?
Farmers protest Haryana:हरियाणा में सत्ताधारी भाजपा और जननायक जनता पार्टी के नेताओं की मुसीबत बढ़ गई है। किसान आंदोलन की वजह से उनका कहीं भी निकलना मुहाल हो चुका है। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी किसानों के विरोध की इस मार से बच नहीं पा रहे हैं। उन्हें अपने ही चुनाव क्षेत्र में भी विरोध-प्रदर्शन झेलने पड़ रहे हैं। आलम ये है कि किसानों के विरोध की वजह से हरियाणा के मुख्यमंत्री को अपना कई कार्यक्रम रद्द करना पड़ चुका है। रविवार को तो करनाल के कैमला गांव में उनके पहुंचने से पहले कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने उनका स्टेज ही तोड़ दिया था।
सत्ताधारी नेताओं का हर जगह हो रहा है विरोध
हरियाणा में इस समय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से लेकर उनके डिप्टी दुष्यंत चौटाला समेत बाकी सभी कैबिनेट सहयोगियों को किसानों के भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक ये नेता जहां कहीं भी सार्वजनिक जगहों पर जा रहे हैं, उन्हें विरोध का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार ने किसानों को शांत करने के लिए अबतक जितनी भी कोशिशें की हैं, वह धरातल पर नाकाम साबित हुई हैं। चाहे पंजाब से आने वाले किसानों को हरियाणा से गुजरने की रोकने की कोशिश हो या फिर ट्रैक्टर रैली को रोकने की। भाजपा की ओर से इन सबके पीछे विपक्षी साजिश का भी आरोप लगाया जा चुका है। लेकिन, किसान शांत होने का नाम नहीं ले रहे हैं।
बिना सुरक्षा सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचने की सलाह
स्थिति ये हो चुकी है कि हरियाणा में भाजपा और जेजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने फिलहाल अपनी सक्रियता का दायरा घर से लेकर दफ्तरों तक सीमित कर लिया है। वह सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचने लगे हैं। कई नेताओं को गांवों में नहीं घुसने दिए जाने का भी दावा किया गया है। हरियाणा पुलिस की इंटेलिजेंस विंग ने पिछले महीने ही राज्य के मंत्रियों को सलाह दी थी कि वह बिना पुख्ता सुरक्षा इंतजाम के लोगों के बीच ना जाएं। भाजपा और जेजेपी के विधायकों से भी गुजारिश की गई थी कि वह अपने कार्यक्रमों की सूचना संबंधित जिला प्रशासनों को एडवांस में मुहैया करवाएं।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस-कम्युनिस्ट पर लगाया था आरोप
हरियाणा में मुख्यमंत्री खट्टर के खिलाफ विरोध को हवा देने वालों में भारतीय किसान यूनियन (BKU) हरियाणा के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chadhuni) मुख्य हैं। उन्होंने किसानों से कह रखा है कि जहां भी खट्टर जाएं, उनका विरोध करें। हरियाणा पुलिस ने चढूनी समेत किसान यूनियन के कई नेताओं पर कई एफआईआर दर्ज कर रखे हैं, जिनमें 'हत्या की कोशिश' तक के मामले शामिल हैं। रविवार को जब सीएम खट्टर को करनाल की सभा रद्द करनी पड़ी तो वो चंडीगढ़ पहुंचे और सारी फसाद के लिए गुरनाम सिंह चढूनी समेत कांग्रेस और कम्युनिस्टों को जिम्मेदार ठहराया और उनपर लोगों को भड़काने और कानून और व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने हेलीपैड तोड़ने वाले और सभास्थल पर कब्जा करने वाले प्रदर्शनकारियों के बारे में कहा, 'वे हमारे दुश्मन नहीं हैं। वे भी हमारे ही लोग हैं। वो हमारे राज्य के भी हैं। लोग हमें सुनने के लिए आए थे। लेकिन,कुछ गलत तत्वों ने उसमें खलल डाल दिया।'