Farmers Protest: हरसिमरत कौर बोलीं- किसानों से देश के दुश्मन की तरह पेश आ रही है सरकार
Farmers Protest: हरसिमर कौर बोलीं- किसानों से देश के दुश्मन की तरह पेश आ रही है सरकार
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश के कई राज्यों से किसान आज दिल्ली के लिए मार्च कर रहे हैं। किसानों को लिए हरियाणा और दिल्ली में पुलिस आंसू गैस के गोले, वाटर कैनन और बल का इस्तेमाल कर रही है। सरकार के इस सख्त रवैये की कड़ी आलोचना करे हुए शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा है कि सरकार किसानों से ऐसे पेश आ रही है, जैसे वो देश के दुश्मन या कोई हमलावर हों। बादल ने कड़े शब्दों में हरियाणा की खट्टरसरकार और केंद्र की मोदी सरकार की इस मामले पर आलोचना की है।
किसानों से जुड़े नए बिलों को लेकर मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वालीं हरसिमरत कौर ने गुरुवार को कहा कि पंजाब के लोगों के साथ ये बर्ताव ठीक नहीं है। एशियाड गेम्स के दौरान भी इसी तरह का बर्ताव हुआ और अब फिर बर्बरता हो रही है। कौर ने कहा कि संविधान दिवसके मौके पर जिस तरह से किसान की आवाज दबाई जा रही है, ये लोकतंत्र की हत्या है। प्रधानमंत्री को हरियाणा के सीएम को आदेश देना चाहिए कि वो किसानों को शांति से दिल्ली पहुंचने दें।
केंद्र सरकार की ओर से खेती किसानी से जुड़े तीन नए कानून हाल ही में लाए गए हैं। इन कानूनों को लेकर देशभर के किसान आंदोलित हैं। किसानों का कहना है कि ये कानून खेती को बर्बाद कर देंगे, ऐसे में उनके जो खतरे इन कानूनों को लेकर हैं उन्हें सरकार सुने और हल निकाले। इन्हीं कानूनों के विरोध में हजारों किसान आज (26 नवंबर) दिल्ली के लिए मार्च कर रहे हैं। पंजाब से काफी संख्या में किसान दिल्ली के लिए निकले हैं। हरियाणा ने पंजाब से लगी अपनी सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया है। किसी भी तरह से हरियाणा सरकार किसानों को रोकने की कोशिश कर रही है। पुलिसकिसानों को तितर बितर करने के लिये वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल कर रही है।
बता दें कि मोदी सरकार खेती से जुड़े तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। इन कानूनों के खिलाफ किसानों ने 'दिल्ली चलो' का नारा दिया है। किसान यूनियन, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, राष्ट्रीय किसान महासंघ, भारतीय किसान संघ ने तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर इस मार्च में शामिल हैं। किसानों का कहना है कि करीब 500 किसान संगठन इस मार्च में शामिल हैं।
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