RLP ने छोड़ा बीजेपी का साथ, अकाली नेता हरसिमरत कौर ने दी बधाई
Harsimrat Kaur Badal Congratulate RLP for quitting NDA: नई दिल्ली। कृषि कानूनों (Farm laws) को लेकर शिरोमणि अकाली दल के बाद भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने एक और सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) को खो दिया है। अकाली दल नेता हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने नए कृषि कानूनों से संबंधित मुद्दों पर एनडीए छोड़ने के लिए आरएलपी के हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) को बधाई दी है। बादल ने ट्वीट किया, 'मैं RLP के हनुमान बेनीवाल जी को अकाली दल के नक्शेकदम पर चलने के लिए बधाई देती हूं। जिन्होंने एनडीए को किसानों के साथ एकजुटता के साथ खड़ा करने के लिए कहा।' हरसिमरत कौर ने कहा, RLP ने एक मजबूत संदेश दिया है कि जो दल किसान समर्थक हैं और 'अन्नदाता' हमारे सम्मान के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करने को तैयार हैं।
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हनुमान
बेनीवाल
ने
किया
था
एनडीए
से
गठबंधन
तोड़ने
का
ऐलान
कृषि कानूनों में मतभेद के चलते एनडीए से उसके सहयोगी दलों का साथ छूटता जा रहा है। राजस्थान से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) सुप्रीमो व राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने एनडीए का साथ छोड़ने का ऐलान किया। बीते शनिवार को राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में जाम लगाकर प्रदर्शन कर रहे किसानों को सम्बोधित करते हुए हनुमान बेनीवाल ने कहा, केंद्र सरकार किसान विरोधी बिल वापस नहीं ले रही है। इसलिए उनकी पार्टी आरएलपी एनडीए में नहीं रहेगी। वे एनडीए से आरएलपी का गठबंधन तोड़ने का ऐलान करते हैं।
I congratulate @hanumanbeniwal ji of RLP for following in the footsteps of @Akali_Dal_ by quitting #NDA to stand in solidarity with farmers. RLP has sent a strong msg that those parties who are pro-farmers & respect 'annadata' are ready to sacrifice everything for our peasantry.
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) December 27, 2020
32 दिन से दिल्ली के बॉर्डर में जमे हैं किसान
बता दें, कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान 32 दिन से दिल्ली बॉर्डर पर जमे हुए हैं। किसान नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। किसानों ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम का विरोध करते हुए थाली बजाई। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जैसे पीएम ने कहा था कि कोरोना थाली बजाने से भागेगा, उसी तरह किसान भी थाली बजा रहें हैं, ताकि कृषि कानूनों को भगाया जाए।