Farmers Protest: डेढ़ साल तक कृषि कानूनों पर रोक के लिए सरकार तैयार, किसान बोले- सोचकर बताएंगे
नई दिल्ली। Farmers Protest: कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन के बीच आज (20 जनवरी) किसान संगठनों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच 10वें दौर की वार्ता हुई। केंद्र सरकार की ओर से गतिरोध खत्म करने के लिए आज किसान संगठनों के सामने फिर एक प्रस्ताव रखा गया, हालांकि इस बार किसान नेता सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए तैयार हो गए हैं। आपको बता दें कि बैठक में केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों पर डेढ़-दो साल की रोक लगाने को लेकर किसान नेताओं के सामने प्रस्ताव रखा।
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बैठक खत्म होने के बाद ऑल इंडिया किसान सभा पंजाब के नेता बालकरण सिंह बरार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत सरकार ने 10वें दौर की वार्ता में उनके सामने नया प्रस्ताव रखा है। बालकरण सिंह ने कहा, बैठक के दौरान सरकार ने कहा कि वह एक विशेष समिति का गठन करेगी जो तीनों नए कृषि कानूनों के साथ-साथ किसानों की मांगों पर भी विचार करेगी। सरकार इस बात पर भी राजी हो गई है कि जब तक समिति अपनी समीक्षा पूरी नहीं कर लेती तब तक कृषि कानून लागू नहीं होंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है, हम उस सस्पेंस को और आगे बढ़ाने के लिए तैयार है। इस संबंध में हमे सुप्रीम कोर्ट को एक एफिडेविड देने के लिए भी तैयार है। किसान नेता बालकरण सिंह ने कहा, 'हमारी शुरू से यही मांग रही हैं कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाए, इसके अलावा आज बैठक में एनआईए की तरफ से जारी नोटिस के खिलाफ भी हमने शख्त नाराजगी जताई है। सरकार ने हमशे उन लोगों की लिस्ट मांगी है जिन्हें एनआईए ने नोटिस भेजा है।' सरकार के प्रस्ताव पर हम 22 जनवरी को होने वाली अगले दौर की वार्ता में जवाब देंगे।
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