Farmers Protest : किसानों ने ठुकराया अमित शाह का ऑफर, जानिए किसान आंदोलन से जुड़ी अब तक की 10 बड़ी बातें
Farmers Protest:किसान आंदोलन से जुड़ी अब तक की 10 बड़ी बातें
नई दिल्ली। Farmer Protest. कृषि बिल और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर देशभर के किसान दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। किसान आंदोलन चौथे दिन में प्रवेश कर चुका है। लाखों की तादात में किसान दिल्ली बॉर्डर पर इकट्ठा हो गए हैं। सीमा पर आवाजाही बंद है। नए कृषि कानून (Farm Laws 2020) को वापस लेने के साथ-साथ अपनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी की मांग कर रहे किसानों ने गृह मंत्री अमित शाह( Amit Shah) के ऑफर को भी ठुकरा दिया है। किसानों ने अमित शाह के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा है कि वो आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। अन्नदाता अभी अपने खेतों को छोड़कर दिल्ली में डटे हैं। आइए जानें किसान आंदोलन से जुड़े 10 बड़े अपडेट
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किसानों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के ऑफर को ठुकरा दिया है। किसान आदोलन में शामिल स्वराज पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने इस बारे में कहा कि आज पंजाब के 30 किसान संगठनों की मीटिंग हुई, जिसमें किसानों ने गृह सचिव की ओर से भेजी गई चिट्ठी को ठुकरा दिया है। चिट्ठी में किसानों को सड़कें खाली करके बुराड़ी आने की शर्तें रखी गई थी, जिसे किसानों ने नामंजूर कर दिया है।
वहीं भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि वो अमित शाह के प्रस्ताव का विरोध करते हैं। किसान अपने विरोध प्रदर्शन के लिए एक निजी स्थल निरंकारी ग्राउंड पर नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन की जगह तो रामलीला मैदान ही तय है। उन्होंने कहा कि हम तीन महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने हमारी नहीं सुनी।
वहीं समाजसेवी अन्ना हजारे ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि किसान देस के दुश्मन नहीं है, उनकी बातों को सुनना चाहिए। अन्ना हजारे ने कहा कि वह किसानों की मांगों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि किसान और सरकार की स्थिति भारत पाकिस्तान की तरह हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की बातों को बिना किसी शर्ते के सुनना चाहिए।
वहीं बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया मायावती ने भी किसान आंदोलन पर किसानों का समर्थन किया है। मायावती ने कहा कि सरकार ने बिना सहमति के कृषि कानून बनाया, अब उसे पुनर्विचार करना चाहिए। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का वो समर्थन करती हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस कानून को बिना किसानों की सहमति के बनाया है और उसे किसानों की मांग पर विचार करना चाहिए।
दिल्ली सिख गुरुद्वार मैनेजमेंट कमिटी ने दिल्ली-हरियाणा सिंघु बॉर्डर पर मौजूद प्रदर्शनकारी किसानों के लिए खाने की व्यवस्था की।
वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा है कि किसानों के साथ सरकार आतंकवादियों जैसा व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली में आने से रोका गया है ऐसा लगता है कि वे देश के किसान नहीं बल्कि बाहर के किसान हैं।
वहीं आप नेता राघव चड्ढा ने पंजाब की सीएम अमरिंदर सिंह और बीजेपी में साठगांठ के आरोप लगाते हुए कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा के मुख्यमंत्री हैं और भाजपा से सांठगांठ के साथ किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर और प्रधानमंत्री मोदी की दोस्ती जगजाहिर है।
देशभर के किसान भारी संख्या में दिल्ली को दूसरे राज्यों से जोड़ने वाली सीमा पर डटे हैं। पंजाब के किसान दिल्ली के सिंघु और टिकरी सीमा पर डेरा डमाए हुए हैं तो वहीं भारतीय किसान यूनियन के हजारों किसान यूपी बॉर्डर पर डटे हुए हैं।