Farmers Protest: किसानों को मिला निहंग सिखों का समर्थन, सिंघु बॉर्डर पहुंचे
नई दिल्ली- दिल्ली में कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े किसानों को गुरुवार को निहंग सिखों का भी समर्थन मिल है और उनके समर्थन में वो सिंघु बॉर्डर पहुंच चुके हैं। ये निहंग सिख किसानों की मांगों के प्रति अपना पूरा समर्थन देने के लिए उनके बीच पहुंचे हैं। किसानों का अपना पूरा साथ देने की बात कहते हुए उन्होंने कहा है कि 'सरकार को "काला कानून" वापस लेना चाहिए। नहीं तो हम यहीं पर रहेंगे। हम किसान भी हैं और हम इन किसानों के साथ खड़े है।'
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कौन
होते
हैं
निहंग
सिख
?
निहंग
सिख
योद्धा
माने
जाते
हैं,
जो
हथियारों
से
लैस
होते
हैं।
नीले
रंग
के
कपड़े
और
सजी
हुई
ऊंची
पगड़ी
और
पारंपरिक
हथियार
इनकी
पहचान
हैं।
गौरतलब
है
कि
इससे
पहले
भी
किसानों
की
बीच
निहंगों
के
पहुंचने
की
खबर
आई
थी,
लेकिन
बाद
में
वह
जानकारी
गलत
पाई
गई
थी।
निहंगों
को
अकालियों
के
नाम
से
भी
जानते
हैं,
जिनका
लड़ाइयों
में
गौरवशाली
स्थान
माना
जाता
रहा
है।
यह
युद्ध
कलाओं
में
काफी
माहिर
होते
हैं,
जिसमें
इन्हें
काफी
प्रतिष्ठा
मिली
हुई
है।
पहले
की
तरह
अब
परंपरागत
लड़ाइयां
नहीं
होतीं,
इसलिए
यह
अपना
शौर्य
विशेष
समारोहों
में
प्रदर्शित
करते
हैं।
निहंग
योद्धाओं
को
गुरु
गोबिंद
सिंह
जी
और
माता
साहिब
देवन
के
पुत्र
का
दर्जा
प्राप्त
है।
फारसी
में
निहंग
का
अर्थ
होता
'मगरमच्छ'
और
यह
मुगलों
पर
इनकी
शौर्य
का
असर
है।
बेनतीजा
रही
चौथे
दौर
की
भी
बातचीत
इस
बीच
गुरुवार
को
दिल्ली
के
विज्ञान
भवन
में
किसानों
के
प्रतिनिधियों
और
केंद्र
सरकार
के
नुमाइंदों
के
बीच
चौथे
दौर
की
बातचीत
भी
बेनतीजा
रही
और
5
दिसंबर
को
फिर
से
बातचीत
जारी
रहने
की
बात
कही
गई।
इस
दौरान
किसानों
ने
सरकार
की
ओर
से
चाय
या
लंच
का
ऑफर
ठुकरा
दिया
और
गुरुद्वारा
से
लंगर
मंगवाकर
खाना
खाया।
आज
की
बैठक
तकरीबन
सात
घंटे
चली।
किसान
संसद
का
सत्र
बुलाकर
तीनों
कृषि
कानूनों
को
वापस
लिए
जाने
की
मांग
पर
अड़े
हैं।
जबकि,
सरकार
उन्हें
समझा
रही
है
कि
वह
बिचौलियों
की
गिरफ्त
से
तो
मुक्त
हो
ही
चुके
हैं,
उन्हें
पहले
की
तरह
सारे
अनाजों
पर
एमएसपी
मिलती
रहेगी।