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किसानों ने हेमा मालिनी को दिया न्योता- फाइव स्टार होटल का खर्च हम देंगे, आकर समझाएं कृषि कानूनों के फायदे

किसानों ने हेमा मालिनी को दिया न्योता- फाइव स्टार होटल का खर्च हम देंगे, आकर समझाएं कृषि कानूनों के फायदे

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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी (Hema Malini) के आंदोलनकारी किसानों (Farmers protest) को गुमराह कहने पर किसान संगठनों ने नाराजगी जताई है। किसानों ने कहा है कि अगर भाजपा नेता को लगता है कि किसान कृषि कानूनों को समझ नहीं पा रहे हैं और उनका आंदोलन गलत है तो वो हमें इन कानूनों को समझा दें। कंडी किसान संघर्ष कमेटी (KKSC) ने हेमा मालिनी को पंजाब आने का न्योता दिया है।

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Farm Law: किसान संगठन ने कहा- Hema Malini Punjab आकर बताएं कानूनों के फायदे | वनइंडिया हिंदी
एक हफ्ते का फाइव स्टार का खर्च हम देंगे

एक हफ्ते का फाइव स्टार का खर्च हम देंगे

कंडी किसान संघर्ष कमेटी ने रविवार को कहा, हेमा मालिनी कहती हैं कि किसानों को नए कानूनों के फायदे नहीं मालूम हैं इसलिए वो प्रदर्शन कर रहे हैं। हो सकता है कि हेमा मालिनी सही हों। ऐसे में हम चाहते हैं कि वो पंजाब आएं और किसानों से बात करें। वो किसानों को नए कानूनों के फायदे समझाकर उन्हें घर भेज दें। किसान संगठन ने कहा कि हेमा मालिनी आकर आराम से फाइव स्टार होटल में रुकें और किसानों को समझाएं। एक हफ्ते उनके फाइव स्टार होटल में रुकने और आने-जाने का सारा खर्च किसान संघर्ष कमेटी उठाएगी।

क्या कहा है हेमा मालिनी ने

क्या कहा है हेमा मालिनी ने

उत्तर प्रदेश के मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने देश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर कहा है कि आंदोलनकारी किसान जानते ही नहीं हैं कि कृषि कानून में क्या समस्या है और ना ही उनको यह पता है कि वो क्या चाहत हैं। उनसे ऐसा करने के लिए कहा जा रहा है और वो कर रहे हैं। वो इन कानूनों के फायदे जानते तो ऐसा ना करते। बता दें कि भाजपा के कई बड़े नेता किसान आंदोलन को लेकर इस तरह के बयान दे चुके हैं कि किसान गुमराह हैं और उनको कोई बहका रहा है। कुछ भाजपा नेता तो आंदोलन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ होने तक की बात कह चुके हैं। इन बयान देने वालों में केंद्रीय मंत्री तक शामिल हैं।

क्या है किसानों की मांगे

क्या है किसानों की मांगे

केंद्र सरकार बीते साल तीन नए कृषि कानून लेकर आई है, जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने जैसे प्रावधान किए गए हैं। इसको लेकर किसान जून के महीने से लगातार आंदोलनरत हैं और इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन नए कानूनों के खिलाफ बीते छह महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं। ये आंदोलन जून से नवंबर तक मुख्य रूप से हरियाणा और पंजाब में था। सरकार की ओर से प्रदर्शन पर ध्यान ना देने पर 26 नवंबर को किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया। इसके बाद बीते 52 दिन से किसान दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले सिंधु बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। टिकरी, गाजीपुर और दिल्ली के दूसरे बॉर्डर पर भी किसान जमा हैं।

ये भी पढ़ें- हिमाचल प्रदेश पंचायत चुनाव के पहले चरण में 80 फीसदी मतदान, नतीजों का भी ऐलान

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English summary
Farmers Protest Farmer Body Calls BJP MP Hema Malini to Punjab to Explain How Laws are Good
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