किसानों ने कृषि कानून स्थगित करने के प्रस्ताव को किया खारिज, रद्द की मांग पर अड़े
नई दिल्ली। farmers protest update, कृषि कानूनों (farm laws) के खिलाफ किसान आंदोलन (farmers protest) को 56 दिन हो चुके हैं, लेकिन किसानों और सरकार के बीच कोई समाधान निकलता नजर नहीं आ रहा है। कल हुए 10वें दौर की बैठक में सरकार की तरफ से कहा गया था कि 1.5 साल तक क़ानून के क्रियान्वयन को स्थगित किया जा सकता है। किसान यूनियन और सरकार बात करके समाधान ढूंढ सकते हैं। लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार द्वारा कल रखे गए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है।
संयुक्त किसान मोर्चा की आम सभा में केंद्र सरकार द्वारा कल बुधवार को रखे गए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया है।आमसभा में तीनों कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की बात किसान आंदोलन की मुख्य मांगों के रूप में दोहराई गई है। भारतीय किसान यूनियन के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि, हमारी मीटिंग जारी है। सरकार का प्रस्ताव अभी अस्वीकार नहीं किया गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि मोर्चा द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि सरकार के किसी भी प्रस्ताव को तब तक स्वीकार नहीं किया जाएगा जब तक कि वे कानूनों को रद्द नहीं करती। सरकार के साथ कल की बैठक में हम कहेंगे कि हमारी केवल एक मांग है, कानूनों को रद्द करना और एमएसपी पर कानून बनाना। इन सभी को सर्वसम्मति से तय किया गया है।
अब अगली बैठक 22 जनवरी को होगी। कृषि मंत्री ने कहा था, सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय के लिए कृषि सुधार क़ानूनों को स्थगित किया है। सरकार 1-1.5 साल तक भी कानून के क्रियान्वयन को स्थगित करने के लिए तैयार है। वहीं किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा था, बैठक में 3 कानूनों और MSP पर बात हुई। सरकार ने कहा हम 3 कानूनों का एफिडेविट बनाकर सुप्रीम कोर्ट को देंगे और हम 1-1.5 साल के लिए रोक लगा देंगे। एक कमेटी बनेगी जो 3 क़ानूनों और MSP का भविष्य तय करेगी। हमने कहा हम इस पर विचार करेंगे।
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