प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच आज 11वें दौर की बैठक, बातचीत से पहले खारिज किए सरकार के प्रस्ताव
प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच आज 11वें दौर की बैठक, बातचीत से पहले खारिज किए सरकार के प्रस्ताव
Farmers Protest: 11th meeting between Centre and protesting farmer Today: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब दो महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। इसको लेकर किसान नेता और केंद्र सरकार के बीच 10 बार बैठक हो चुकी है। इसी क्रम में आज शुक्रवार (22 जनवरी) को 11वें दौर की बातचीत होने वाली है। इस बैठक से ठीक एक दिन पहले गुरुवार (21 जनवरी) को किसान संगठनों ने 3 कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक (18 महीने) टालने और समाधान का रास्ता निकालने के लिए एक समिति के गठन संबंधी केंद्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में किसान नेताओं ने सरकार के इस प्रस्ताव को खारिज करने का फैसला सिंघु बॉर्डर पर एक मैराथन बैठक में लिया। ऐसे में आज होने वाली किसान और सरकार के बीच की बैठक अहम मानी जा रही है।
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किसान नेता दर्शन पाल ने बयान जारी कर कहा है, 'संयुक्त किसान मोर्चा की आम सभा में सरकार द्वारा दिए कए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया। हमारे बैठक में 3 केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए एक कानून बनाने की बात की गई है।'
एक अन्य किसान नेता जेगिंदर एस उग्रहान ने कहा, 'यह फैसला लिया गया है कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, इनके किसी भी प्रस्तावों को स्वीकार नहीं किया जाएगा।'
वहीं भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता जगजीत सिंह दलेवाल ने कहा है कि बैठक अभी चल रही है। निर्णय किया जाएगा। फिलहाल ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
जानिए
अबतक
के
बड़े
अपडेट
-
किसान
आंदोलन
को
लेकर
सरकार
और
किसानों
के
बीच
10
बार
बैठक
हो
चुकी
है।
जो
बेनतीजा
रही
है।
-
दिल्ली
की
अलग-अलग
सीमाओं
पर
किसानों
का
आंदोलन
दो
महीने
से
जारी
है।
-सयुंक्त
किसान
मोर्चा
ने
दावा
किया
कि
अब
तक
इस
आंदोलन
में
147
किसानों
की
मौत
हो
चुकी
है।
-बुधवार
(20
जनवरी)
को
सरकार
और
किसानों
के
बीच
10वें
दौर
की
वार्ता
हुई
थी।
-
मामला
सुप्रीम
कोर्ट
में
जा
पहुंता
है।
11
जनवरी
को
तीन
कृषि
कानूनों
के
अमल
पर
अगले
आदेश
तक
सुप्रीम
कोर्ट
ने
रोक
लगा
दी
है।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
इस
मसले
को
सुलझाने
के
लिए
चार-सदस्यीय
एक
समिति
का
गठन
किया
था।
फिलहाल
इस
समिति
मे
तीन
ही
सदस्य
हैं
क्योंकि
भारतीय
किसान
यूनियन
के
अध्यक्ष
भूपिंदर
सिंह
मान
ने
खुद
को
इस
समिति
से
अलग
कर
लिया
था।
-किसानों
की
मांग
है
कि
तीन
कृषि
कानूनों
को
रद्द
किया
जाए।
किसानों
का
आरोप
है
कि
इन
कानूनों
से
मंडी
व्यवस्था
और
न्यूनतम
समर्थन
मूल्य
(MSP)
पर
खरीद
की
प्रणाली
समाप्त
हो
जाएगी।
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