Farmers Protest: पीएम मोदी के आरोपों से नाराज 11 विपक्षी दलों ने पूछा- कौन फैला रहा झूठ?
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर पंजाब-हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। लगभग एक महीने से जारी किसान आंदोलन के फिलहाल खत्म होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इस बीच देश की राजनीति में भी किसान आंदोलन को लेकर घमासान मचा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों के बाद देश के 11 विपक्षी दलों ने एक संयुक्त बयान जारी कर सरकार से पूछा है, 'आखिर झूठ कौन फैला रहा है?'
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गौरतलब है कि किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष ने भी सरकार पर हमला बोला है, कई राजनीतिक पार्टियां किसानों का समर्थन कर रही हैं। गुरुवार को कांग्रेस ने राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने का ऐलान किया, हालांकि दिल्ली पुलिस की तरफ से कांग्रेस को मार्च की अनुमति नहीं मिली। इस दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा को हिरासत में भी लिया गया। गुरुवार को ही कांग्रेस, एनसीपी, सीपीएम समेत कई विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं ने राष्टपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की।
इन
पार्टियों
ने
जारी
किया
जॉइंट
स्टेटमेंट
इस
बीच
भारतीय
कम्युनिस्ट
पार्टी
(सीपीएम)
ने
11
विपक्षी
दलों
को
मिलाकर
एक
जॉइंट
स्टेटमेंट
जारी
किया
है।
अपने
बयान
में
विपक्ष
ने
कहा
कि
केंद्र
सरकार
को
नए
कृषि
कानून
रद्द
कर
देने
चाहिए
और
उनके
खिलाफ
निराधार
आरोप
लगाना
बंद
कर
देना
चाहिए।
जॉइंट
स्टेटमेंट
जारी
करने
वाले
राजनीतिक
दलों
में
कांग्रेस,
राकांपा,
द्रमुक,
राजद,
सपा,
माकपा,
भाकपा,
भाकपा
(माले),
एआइबीएफ,
आरएसपी
और
पीएजीडी
शामिल
है।
बयान
में
कहा
गया
है
कि
प्रधानमंत्री
निराधार
आरोप
लगाना
बंद
करें।
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पीएम
मोदी
सच्चाई
से
कोसों
दूर
विपक्षी
दलों
ने
कहा
कि
पीएम
मोदी
की
ओर
से
किसान
आंदोलन
को
लेकर
लगाए
जा
रहे
आरोपों
का
हम
जोरदार
विरोध
करते
हैं।
उन्होंने
विपक्षी
दलों
पर
कृषि
कानूनों
को
लेकर
किसानों
को
गुमराह
करने
और
अपनी
राजनीति
के
लिए
उनका
इस्तेमाल
करने
का
आरोप
लगाया
है,
जो
कि
गलत
है।
पीएम
मोदी
के
आरोप
सच्चाई
से
कोसों
दूर
है।
जब
संसद
में
कृषि
कानूनों
को
पर्याप्त
समय
दिए
बिना
पारित
किया
जा
रहा
था,
तभी
भी
हमने
इसका
विरोध
किया
था।
जिन
सांसदों
ने
मत
विभाजन
की
मांग
की
उन्हें
निलंबित
कर
दिया
गया।