गाजियाबाद प्रशासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे प्रदर्शनकारी किसान, राकेश टिकैत बोले- आंदोलन तो खत्म नहीं होगा
गाजियाबाद प्रशासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे प्रदर्शनकारी किसान, राकेश टिकैत बोले- आंदोलन तो खत्म नहीं होगा
Farmers to Move Supreme Court Against Ghaziabad Admin: दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर गुरुवार (28 जनवरी) की रात भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात थी। गाजियाबाद प्रशासन ने किसानों को आधी रात आंदोलन खत्म करने को कहा था। गाजीपुर में सुरक्षाबलों के भारी तैनाती के बाद धारा 144 लगा दिया गया था। इसके बाद ही गाजियाबाद प्रशासन ने धारा 133 के तहत किसानों को आंदोलन स्थल खाली करने का नोटिस भी जारी कर दिया था। इस पूरे मामले पर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि वो इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि गाजियाबाद प्रशासन ने प्रदर्शन स्थल खाली करने का नोटिस कैसे दिया, अभीतक तो सुप्रीम कोर्ट ने धरना हटाने की याचिका पर फैसला भी नहीं दिया है।
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राकेश टिकैत ने कहा कि गाजियाबाद जिला प्रशासन सुप्रीम कोर्ट से बड़ा नहीं हो सकता है। राकेश टिकैत ने कहा, मैं इस नोटिस के खिलाफ शुक्रवार (29 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करूंगा।
गाजियाबाद प्रशासन द्वारा प्रदर्शनकारियों को आज रात तक आंदोलन स्थल खाली करने के आदेश देने के आदेश के बाद उन्होंने गुरुवार को किसान यूनियनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने का फैसला किया।
गाजियाबाद प्रशासन के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके शांतिपूर्ण विरोध को मंजूरी दे दी है...इसलिए यह आदेश अवैध है। गाजियाबाद के एडीएम सिटी शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा, सीआरपीसी धारा 133 के तहत किसानों को आदेश जारी किया गया है।
असल में गुरुवार रात को किसान अंदोलन को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह, सूचना समेत कई अधिकारी मौजूद थे। सीएम ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि 26 जनवरी को दिल्ली में हिंसा करने वाले किसी भी उपद्रवी को यूपी में किसी भी कीमत पर प्रदर्शन ना करने दिया जाए। इसलिए लॉ एंड ऑर्डर को बनाए रखने के लिए गाजियाबाद प्रशासन ने गाजीपुर बॉर्डर को खाली करने का निर्देश दिया था। बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर पर किसान 26 नवंबर 2020 से तीन नए कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।