Farmers Protest: किसान नेताओं का ऐलान- अब बजट वाले दिन संसद की ओर करेंगे मार्च
Farmers Protest on Budget Day: नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन पिछले दो महीनों से जारी है। मंगलवार को किसानों ने शांतिपूर्वक ट्रैक्टर रैली निकालने की इजाजत पुलिस-प्रशासन से ली थी, लेकिन ITO, लाल किला समेत दिल्ली के कई इलाकों में जमकर हिंसा हुई। इसके बाद किसान संगठनों ने पीछे हटने की बजाए आंदोलन को और तेज कर दिया है। अब किसान नेताओं ने ऐलान किया है कि वो बजट वाले दिन संसद की ओर मार्च करेंगे।
जानकारी के मुताबिक गणतंत्र ट्रैक्टर मार्च के बाद अब किसान सरकार पर नए कानूनों को वापस लेने का दबाव और बढ़ाना चाहते हैं, जिस वजह से वो एक फरवरी को संसद की ओर मार्च करेंगे। हालांकि ये मार्च पैदल होगा या फिर ट्रैक्टर से, इसकी जानकारी किसान संगठनों ने अभी नहीं दी है। एक फरवरी को ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। जिस वजह से अभी से ही संसद भवन और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
उपद्रवियों
की
तलाश
शुरू
दिल्ली
पुलिस
ने
टिकरी,
गाजीपुर
और
सिंघु
बॉर्डर
से
किसानों
को
ट्रैक्टर
रैली
निकालने
की
इजाजत
दी
थी।
तय
रूट
के
मुताबिक
किसानों
को
दिल्ली
की
सीमा
के
कुछ
अंदर
तक
जाना
था
और
फिर
रैली
शुरू
होने
वाली
जगह
पर
वापस
लौट
आना
था,
लेकिन
कई
लोग
रैली
के
दौरान
हिंसक
हो
गए।
इसके
बाद
बड़ी
संख्या
में
किसान
लालकिले
पर
पहुंच
गए
और
वहां
पर
जमकर
हिंसा
की।
अब
तक
मामले
में
दिल्ली
पुलिस
ने
22
केस
दर्ज
किए
हैं,
जिसमें
कई
किसान
नेताओं
के
भी
नाम
शामिल
हैं।
इसके
अलावा
सीसीटीवी
फुटेज
के
आधार
पर
उपद्रवियों
की
पहचान
की
जा
रही
है।
दिल्ली: किसान आंदोलन में हिंसा के चलते इंटरनेट बंद, 5 करोड़ यूजर रहे परेशान
किसान
नेताओं
ने
पल्ला
झाड़ा
वहीं
हिंसा
के
बाद
किसान
संगठनों
पर
सवाल
खड़े
होने
शुरू
हुए,
जिसके
बाद
किसान
नेताओं
ने
साफतौर
पर
हिंसा
से
पल्ला
झाड़
लिया।
भारतीय
किसान
यूनियन
के
प्रवक्ता
राकेश
टिकैत
के
मुताबिक
उनका
आंदोलन
शांतिपूर्वक
चल
रहा
था।
कुछ
राजनीतिक
संगठनों
ने
इसे
हिंसक
का
रूप
दिया।