किसान आंदोलन: बारिश में भी पीछे हटने को तैयार नहीं किसान, बनाए वॉटर प्रूफ टेंट
नई दिल्ली। नए कृषि बिल को लेकर किसान लगभग 42 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। बारिश और कड़कड़ाती ठंड में भी वो डटे हुए हैं। सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने मंगलवार को शहर में बारिश के बाद सभी टेंटों को वाटरप्रूफ प्लास्टिक की चादरों से ढंकने के लिए बड़े पैमाने पर काम शुरू किया। टेंट को कवर करने के लिए सैकड़ों पनरोक तिरपाल शीट के साथ बड़े बांस की छड़ें और लोहे के पाइप को लाया गया। किसानों ने कहा कि केंद्र स्तर पर एक मेगा तम्बू भी स्थापित किया जा रहा है, जहां से नेता प्रतिदिन प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हैं।
सिंघु बॉर्डर से लेकर जहां तक भी किसान रुके हुए हैं, वहां पर इसी तरीके से वाटर प्रूफ टेंट और ट्रॉली दिखाई दे रहे हैं। सभी ट्रॉलियों पर किसानों ने बचाव के लिए त्रिपाल रख दिए हैं। साथ ही भारी मात्रा में राशन सामग्री भी सिंघु बॉर्डर पर जमा कर दी गई है। किसानों का कहना है कि चाहे ठंड हो या बारिश। मांगों को मनवाए बिना यहां से हटने वाले नहीं हैं।
किसान नेताओं का कहना है कि बारिश में कुछ परेशानी जरूर बढ़ी है। हालांकि हम लोगों को खेतों में पानी के बीच ही रहना पड़ता है। हम पूरी तरह से तैयार हैं कि चाहे कोई भी परेशानी आए, लेकिन यहां से तब तक नहीं जाएंगे जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है। इसलिए ही अब वाटरप्रूफ टेंट लगा दिए गए हैं और अब बारिश से होने वाली परेशानी भी दूर हो गई है। अब सरकार को कोई फैसला लेना होगा, तभी किसान यहां से हटेंगे।
7 जनवरी को किसान निकालेंगे ट्रैक्टर रैली
बीते मंगलवार को केंद्र सरकार के साथ बातचीत के बावजूद हल नहीं निकलने से नाराज कुंडली बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है। इसको लेकर मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों ने बैठक में कई निर्णय लिए हैं। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए किसान नेताओं ने बताया कि अब 7 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।
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