कोरोना की चेतावनी के बावजूद पंजाब में किसानों ने जलानी शुरू की पराली, सामने आई फोटो
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच पंजाब के किसानों ने फिर से फसलों के बचे हुए भागों यानी पराली को जलाना शुरू कर दिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने कुछ तस्वीरें साझा की हैं जिसमें एक किसान अपने खेतों में पराली जलाते हुए दिखाई दे रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब के अमृतसर में किसान अपने खेतों में पराली जला रहे हैं, जो कि आने वाले समय में दिल्ली समेत कई राज्यों में धुंध का कारण बन सकता है। बता दें कि पराली जलाना भारतीय दंड संहिता और 1981 के वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम के तहत अपराध है लेकिन बावजूद इसके किसानों ने पराली जलाना शुरू कर दिया है।
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ऐसे समय में जहां देशभर में लोग कोरोना वायरस संकट के चलते मास्क लगाने को मजबूर हैं, वहां पराली के धुएं के चलते सांस संबंधी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है। पराली की वजह से महामारी की स्थिति और गंभीर भी हो सकती है। कृषि और पर्यावरण क्षेत्र के विशेषज्ञ इस समस्या को लेकर पहले ही आगाह कर चुके हैं। अमृतसर में पराली जला रहे एक किसान इसे अपनी मजबूरी बताया है।
Punjab: Farmers continue to burn stubble in their fields. Visuals from Verka in Amritsar district. pic.twitter.com/UGCrtU5EDF
— ANI (@ANI) September 25, 2020
किसान ने कहा, सरकार हमारी किसी भी प्रकार से मदद नहीं कर रही है, हम असहाय हैं। सरकार को हर ब्लॉक में कम से कम 2-3 मशीने उपलब्ध करानी चाहिए जिससे हमें पराली जलाने की जरूरत ही ना पड़े। वहीं, पराली जलाने के वैकल्पिक प्रबंध को लेकर केंद्र और पंजाब सरकार के सलाहकार संजीव नागपाल ने भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर पराली जलाने का कोई विकल्प नहीं निकाला गया तो इससे श्वसन संबंधी गंभीर समस्याओं में बढ़ोतरी हो सकती है। पराली के धुएं में प्रदूषणकारी तत्व, कार्बन मोनोऑक्साइड और मीथेन जैसी जहरीले गैसें होती हैं। उन्होंने आगे कहा, 'इससे कोविड-19 के हालात और बिगड़ सकते हैं क्योंकि कोरोना वायरस भी श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है।'
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