12 राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति से मिलने का मांगा समय, कृषि बिलों को मंजूरी ना देने की अपील
नई दिल्ली। किसानों से जुड़े तीनों बिल के राज्यसभा में पास होने के बाद से ही लगातार विपक्ष इनका विरोध कर रहा है। विपक्षी दलों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लोकसभा के बाद राज्यसभा में इन तीनों बिलों के पास होने के बाद अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। लेकिन इस बीच 12 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से मुलाकात का समय मांगा है। कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि 12 विपक्षी दलों ने राज्यसभा में पास हुए तीनों बिलों के सिलसिले में राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है। इन सभी दलों ने राष्ट्रपति से अपील की है कि वह इन तीनों बिलों को अपनी मंजूरी ना दें। बता दें कि केंद्र सरकार के सहयोगी अकाली दल ने भी राष्ट्रपति से गुहार लगाई है कि वह इन बिलों को मंजूरी ना दें। अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने राष्ट्रपति से गुहार लगाई थी कि वह इन बिलों को अपनी मंजूरी ना दें।
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वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी राज्यसभा में जिस तरह से इन बिलों को पेश किया गया, उसकी आलोचना की और कहा कि यह किसानों का डेथ वारंट है। राहुल गांधी ने कहा जो किसान धरती से सोना उगाता है, मोदी सरकार का घमंड उसे ख़ून के आँसू रुलाता है। राज्यसभा में आज जिस तरह कृषि विधेयक के रूप में सरकार ने किसानों के ख़िलाफ़ मौत का फ़रमान निकाला, उससे लोकतंत्र शर्मिंदा है। वहीं सरकार लगातार इस बिल का समर्थन कर रही है और उसका कहना है कि यह बिल किसानों को अपनी फसल मनचाहे दाम पर बेचने की आजादी देगा। वह जहां चाहें अपनी फसल बेच सकते हैं।
बता दें कि देशभर में किसान इस कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं। सबसे ज्यादा विरोध हरियाणा और पंजाब में हो रहा है। इस बिल के विरोध में हरियाणा में किसान सड़कों पर उतर आए हैं। वहीं पंजाब में भी किसानों का प्रदर्शन उग्र हो गया है। भारतीय किसान यूनियन सहित 17 किसान व मजदूर संगठनों ने आज इसके विरोध में चक्का जाम का एलान किया है। वहीं किसानों के आंदोलन से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन चौकन्नी है। किसान आंदोलन के मद्देनजर हरियाणा में अलर्ट जारी किया गया है।