किसान आंदोलन में हिंसा को लेकर BKU का गंभीर आरोप, सरकार की साजिश का शिकार हुई रैली
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों के उग्र आंदोलन की चौतरफा आलोचना हो रही है। यहां तक कि लाल किले के अंदर एक प्रदर्शनकारी ने पोल पर अपना झंडा लगाया। राजनीतिक दलों का कहना है कि हिंसा को किसी भी रूप में जायज नहीं ठहराया जा सकता है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, शिवसेना ने हिंसा की आलोचना की है। गौरतलब है कि किसान संगठनों की ट्रैक्टर परेड के दौरान कुछ स्थानों पर पुलिस के साथ झड़प हुई। इसके बाद पुलिस ने किसान समूहों पर आंसू गैस के गोले छोड़े तथा लाठीचार्ज किया।
Recommended Video
दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर भारतीय किसान यूनियन के नेता बलबीर एस राजेवाल ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रैली सरकार की साजिश का शिकार हुई। इसे तोड़ने के प्रयासों के बावजूद, 99.9% किसान शांतिपूर्ण थे। कुछ घटनाएं हुईं। सरकार ने पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के सदस्यों को हमारे बीच डाल दिया। उनके लिए कोई नाकाबंदी नहीं थी।
1 फरवरी को संसद मार्च नहीं करेंगे किसान
किसान संगठन 1 फरवरी को संसद मार्च नहीं करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने ये जानकारी दी। बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान परेड सरकारी साजिश का शिकार हुई। संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं से खुद को अलग किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दीप सिद्धू आरएसएस का एजेंट है। दीप सिद्धू ने लाल क़िले पर धार्मिक झंडा लगाकर तिरंगे का अपमान किया और देश की और हमारी भावनाएं आहत हुई।
इसके साथ ही बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, "मैं किसान मोर्चा की तरफ से देश से माफी मांगता हूं। कल किसान परेड का आयोजन किया, ये अपने आप में एतिहासिक था। हम 26 नवंबर को यहां आकर बैठे। कोई दिक्कत नहीं हुई। कुछ संगठन कह रहे थे कि वो लाल किला जाएंगे...सरकार से मिलीभगत थी। दीप सिद्धू को पूरी दुनिया ने देखा। वो आरएसएस का आदमी है।"
दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा पर बोलीं ममता बनर्जी- केंद्र का तानाशाही रवैया जिम्मेदार