Farmer protest: केंद्र सरकार से बातचीत को तैयार किसान, राजनाथ सिंह की अगुवाई में होगी बैठक- सूत्र
नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के बीच कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों का विरोध प्रदर्शन खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। इस बीच किसान आज (1 दिसंबर, 2020) केंद्र सरकार से अपनी मांगों को लेकर बात करने वाले हैं। वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से किसानों के सामने कोई शर्त नहीं रखी गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय सुरक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज किसानों के साथ होने वाली बैठक की अगुवाई करेंगे। बताया जा रहा है कि किसान आंदोलन को लेकर मंगलवार की सुबह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रमुख जेपी नड्डा के घर पर गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात हुई। बता दें कि विवादास्पद खेत कानूनों के खिलाफ भारी विरोध के बीच 48 घंटे से कम समय में भाजपा के शीर्ष नेताओं के बीच यह दूसरी बैठक है।
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बता दें कि संसद के मानसून सत्र में पारित होने के बाद कानून का रूप ले चुके नए कृषि नियमों के खिलाफ आज छठे दिन भी किसानों का आंदोलन जारी है। इन कानूनों के बारे में किसानों को आशंका है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा। जबकि केंद्र सरकार का कहना है कि नए कानून किसानों के हित के लिए लाए गए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी और बढ़ती ठंड को ध्यान में रखते हुए हमनें किसान संगठनों के प्रमुख को 3 दिसंबर से पहले बातचीत का न्योता दिया है। यह बैठक दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में मंगलवार दोपहर बाद तीन बजे बुलायी गयी है। बता दें कि किसानों के साथ कृषि कानून पर होने वाली यह केंद्र सरकार की दूसरी बैठक है। इससे पहले 19 नवंबर को बीतचीत शुरू की गई थी लेकिन उसमें कोई नतीजा नहीं निकला था।
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किसानों का आंदोलन जल्द से जल्द खत्म करने के लिए आज गृह मंत्री अमित शाह ने बॉर्डर राइजिंग डे कार्यक्रम के अपने दौरे को रद्द कर दिया है। अमित शाह को वहां मंगलवार की सुबह पहुंचना था। सूत्रों के अनुसार, नए कृषि कानूनों के बारे में आज सरकार किसानों को आश्वस्त करने की कोशिश करेगी, और उनकी उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अफवाहों को दूर करेगी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को बताया जा सकता है कानूनों को निरस्त नहीं किया जाएगा। वहीं, किसानों ने भी सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुआ आज होने वाली बैठक में भाग लेने का फैसला किया है। सुबह चर्चा के बाद किसानों ने कहा कि सरकार ने बिना किसी पूर्व शर्त के हमें आमंत्रित किया है और हम वार्ता के लिए जा रहे हैं।