क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

एमएसपी में बढ़ोतरी को किसान संगठन ने बताया जुमला, घेरेंगे संसद

Google Oneindia News

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को धान की न्यूनतम कीमत को बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। मोदी सरकार के इस फैसले को ऐतिहासिक फैसला बताया गया है, जिसमे पहली बार इतनी बड़ी बढ़ोतरी की गई है। आने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान किसानों का असंतोष भाजपा के लिए सबसे बड़ी चिंता था, जिसे ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने धान की एमएसपी को ऐतिहासिक रूप से बढ़ाने का फैसला लिया। लेकिन किसानों के मजबूत संगठन का कहना है कि यह भी एक जुमला साबित होगा, लिहाजा अक्टूबर माह में किसान संसद को ट्रैक्टर से घेरेंगे।

farmer

15000 करोड़ का अतिरिक्त भार
धान के अलावा अन्य फसलों की एमएसपी को भी बढ़ाने का फैसला लिया गया है जिसमे कॉटन सीड, दालें आदि शामिल हैं। पिछले तीन सालों में की गई बढ़ोतरी की तुलना में यह 25 फीसदी बढ़ोतरी है, लिहाजा माना जा रहा है कि मोदी सरकार का यह फैसला पार्टी के लिए आगामी चुनाव में संजीवनी साबित होगा। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि इससे सरकार पर 15000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा, जिससे महंगाई दर बढ़ने का खतरा है।

किसानों को मिलेगा लाभ
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार के इस फैसले के बारे में कहा कि इससे पहले किसी भी सरकार ने इतनी बड़ी बढ़ोतरी एमएसपी में नहीं की है। राजनाथ सिंह ने इस फैसले का ऐलान करते हुए इसे ऐतिहासिक फैसला बताया था। उन्होंने कहा कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी थी। उन्होंने कहा कि अगर किसानों की फसल नहीं बिकती है तो सरकार मार्केट दाम और लागत के बीच का अंतर का भुगतान किसानों को करेगी।

इसे भी पढ़ें- 2019 में विपक्षी दलों की भाजपा के खिलाफ मेगा प्लान, जा सकते हैं ये 7 बड़े राज्य

अलग-अलग फॉर्मूला
खरीफ फसल की मुख्य फसल धान की एमएसपी में 200 रुपए प्रति कुंतल की बढ़ोतरी की गई है, जोकि मौजूदा समय में 1750 रुपए प्रति कुंतल है। पिछले वर्ष की तुलना में यह 13 फीसदी अधिक है। कमिशन ऑफ एग्रिकल्चरल कॉस्ट एंड प्राइसेस के आंकड़े के अनुसार यह ह50 फीसदी तक बढ़ जाएगा अगर किसानों की लागत मूल्य को शामिल किया जाए। लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि सीएसीपी ने उत्पादन लागत निकालने के तीन तरीके बताए हैं जिसमे ए2, ए2प्लस एफएल और सी2 है।

सरकार पर रहेगी नजर
ए2 के तहत किसानों के सभी खर्च को शामिल किया जाता है, जिसमे बीज, खाद, केमिलकल, मजदूरी, सिंचाई, पेट्रोल आदि सबकुछ शामिल है। जबकि ए2 प्लस एफएल के तहत किसानों कुल भुगतान की गई राशि और परिवार की मजदूरी शामिल है, वहीं सी2 के तहत किसान संगठन जो मूल्य एमएसपी के लिए तय करते हैं उसे रखा जाता है, इसमे सभी भाड़ा, बैंक का ब्याज आदि शामिल होता है। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि एमएसपी के तहत सरकार किस फॉर्मूले को लागू करती है।

इसे भी पढ़ें- अमित शाह के कार्यक्रम में लंच पैकेट पाने के लिए भिड़ गए पार्टी कार्यकर्ता, खूब हुआ हंगामा

Comments
English summary
Farmer organizations calls Modi government MSP hike as Jumla. Plan to encircle Parliament with tractors in October.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X