बैल ने बचाई थी सड़क हादसे में दो लोगों की जान, मौत होने पर किया तेरहवीं का आयोजन
झांसीः वैसे तो हिंदू धर्म में मान्यताओं के मुताबिक इंसान की मौत के बाद बाद तेरहवीं का आयोजन किया जाता है। लेकिन कभी आपने किसी जानवर के तेरहवीं की भोज के बारे में सुना है। अगर नहीं सुना है तो एक ऐसा ही मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के झांसी से, जहां एक किसान ने अपने बैल के मर जाने पर उसने सारे काम किए, जो किसी इंसान के मरने पर किया जाता है।
झांसी में पंजाब सिंह ने अपने बैल की मौत पर तेरहवीं का आयोजन किया था। पंजाब सिंह अपने बैल से बहुत प्यार करता था और उसने अपने बैल का नाम नंदी रखा था। दरअल, कुछ दिन पहले एक सड़क हादसे में नंदी ने अपनी जान देकर परिवार के दो लोगों की जान बचाई थी। इसके अलावा नंदी ने अलग-अलग प्रतियोगिताओं में 150 से अधिक इनाम जीतकर भी परिवार का नाम पूरे बुंदेलखंड में रौशन किया था।
सड़क दुर्घटना में घायल नंदी की इलाज के दौरान दो हफ्ते पहले मौत हो गई थी। घर की सदस्य की तरह रहने वाले नंदी से पूरा बुंदेलखंड खास प्रेम करता था। बैल की मौत से गमजदा परिवार ने उसकी शव यात्रा निकाली और पूरे विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार किया। यही नहीं, बैल की अस्थियों को प्रयागराज में प्रवाहित भी किया गया। इसके अलावा बैल की तेरहवीं के मौके पर उसके मालिक पंजाब सिंह ने विशाल भोज का आयोजन किया। बैल की आत्मा की शांति के लिए आयोजित भीड़ में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।