राष्ट्रपति से मिला विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल, राहुल गांधी बोले- सरकार को कानून वापस लेना होगा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ जहां एक तरफ किसानों का प्रदर्शन 14वें दिन भी जारी है तो वहीं किसान आंदोलन को लेकर सियासी घमासान भी अपने चरम पर है। देश की विपक्षी पार्टियां पहले ही किसान आंदोलन को अपना समर्थन दे चुकी हैं। इस बीच बुधवार को विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार शाम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला और किसान आंदोलन को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की।
राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन
इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, टीआर बालू, भाकपा के महासचिव डी राजा और सीताराम येचुरी शामिल रहे। इस मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने मीडिया से बात की और कहा कि सरकार को ये कानून वापस लेना ही होगा। राहुल गांधी ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति से भी इस कानून को वापस लेनी की बात कही है। राहुल गांधी की बात को आगे बढ़ाते हुए सीताराम येचुरी बोले कि हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया है और कृषि कानून के साथ-साथ बिजली संशोधन बिल को भी वापस लेने की मांग की है।
We informed the President that it is absolutely critical that these anti-farmer laws are taken back: Rahul Gandhi, Congress pic.twitter.com/4hco6XlGbL
— ANI (@ANI) December 9, 2020
प्रधानमंत्री ने तो कहा था कि ये बिल किसान हितैषी होगा- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने आगे कहा है कि इस देश की नींव रखने वाला किसान ही है, मोदी सरकार जो कानून लेकर आई है वो पूरी तरह से किसान विरोधी है। राहुल गांधी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री इस बिल को लेकर आए थे तो उन्होंने कहा था कि ये बिल किसान हितैषी होगा तो फिर सवाल ये उठता है कि अगर किसान हितैषी है तो फिर किसान सड़क पर क्यों है। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री का लक्ष्य यही है कि देश के किसान को कॉरपोरेट जगत का गुलाम बना दिया जाए।