कृषि कानून निरस्त: संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक शुरू, तय होगी किसान आंदोलन की आगे की राह
नई दिल्ली, 21 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद किसान संगठनों की आज रविवार (21 नवंबर) को अहम बैठक हो रही है। बैठक में कृषि कानून निरस्त होने और किसान आंदोलन को लेकर आगे की क्या योजना है, इसपर चर्चा की जाएगी। आंदोलनकारी किसान के इस बैठक का आयोजन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने किया है। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक सिंघू (सिंघु (दिल्ली-हरियाणा) सीमा पर रविवार लगभग 12 बजे शुरू हुई है। किसान नेताओं का कहना है कि बैठक में एमएसपी, जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा, किसानों के खिलाफ दर्ज मामले और उनकी अगली कार्ययोजना पर चर्चा की जाएगी।

एसकेएम कोर कमेटी के सदस्य दर्शन पाल ने कहा कि एमएसपी मुद्दा और आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान संसद तक प्रस्तावित दैनिक ट्रैक्टर मार्च को लेकर भी फैसला किया जाएगा।
तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के अपने फैसले के बाद, केंद्र अब आंदोलनकारी किसान संघों और विपक्षी दलों के दबाव का सामना कर रहा है कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला कानून लाए। सत्तारूढ़ भाजपा सांसद वरुण गांधी भी ने भी ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह मांग की है। वरुण गांधी ने लिखा है कि एमएसपी का मुद्दा हल होने तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा।
किसान नेताओं का कहना है कि जब तक केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार संसद में इन तीनों कानूनों को औपचारिक रूप से रद्द नहीं कर देती, तब तक प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में ही रहेंगे। दर्शन पाल ने कहा, ''संसद तक ट्रैक्टर मार्च का हमारा आह्वान अभी भी कायम है। आंदोलन के भविष्य के पाठ्यक्रम और एमएसपी मुद्दे पर अंतिम निर्णय रविवार (21 नवंबर) को सिंघू सीमा पर एसकेएम की बैठक में लिया जाएगा।''
एसकेएम ने कहा कि उसके निर्धारित कार्यक्रम जारी रहेंगे। एसकेएम ने किसानों से 26 नवंबर को कानून के खिलाफ आंदोलन की पहली बरसी पर सभी विरोध स्थलों पर बड़ी संख्या में इकट्ठा होने का आग्रह किया है।
हालांकि पीएम मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले का ऐलान करते हुए किसान आंदोलन में शामिल किसानों से उनके विरोध प्रदर्शन को छोड़कर घर जाने का आग्रह किया था।