Rahat Indori Profile: 'दिल का किस्सा तमाम' करने वाले राहत इंदौरी ने कहा था- किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है...
इंदौर। मशहूर शायर और गीतकार राहत इंदौरी का 70 साल की उम्र में मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। सोमवार शाम को उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद से ही उन्हें इंदौर के अरबिंदो अस्तपाल में भर्ती कराया गया था, राहत इंदौरी ने खुद ट्वीट करके अपने कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी, राहत को दिल की बीमारी और डायबिटीज की शिकायत भी थी।
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राहत इंदौरी का जन्म इंदौर में हुआ था
बता दें कि राहत इंदौरी का जन्म मध्य प्रदेश स्थित इंदौर के एक कपड़ा मिल कर्मचारी के घर हुआ था। वर्ष 1972 में, उन्होंने 19 वर्ष की आयु में अपनी पहली कविता को सार्वजनिक रूप से पढ़ा था। स्कूल और कॉलेज के दौरान वह काफी प्रतिभाशाली विद्यार्थी थे, जहां वह हॉकी और फुटबॉल टीम के कप्तान थे। उर्दू साहित्य में स्नातकोत्तर की परीक्षा स्वर्ण पदक के साथ उत्तीर्ण की थी। राहत ने उर्दू साहित्य में पीएच.डी. की और उर्दू साहित्य के प्रोफेसर के रूप में वहां 16 वर्षों तक अध्यापन का काम किया।
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45 सालों से कवि सम्मेलन की रौनक थे इंदौरी
बता दें कि डॉ. राहत इंदौरी लगातार 45 साल से कवि सम्मेलन में प्रस्तुति दे रहे थे। उन्होंने भारत के लगभग सभी जिलों के कवि सम्मेलन में भाग लिया था और कई बार अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, सिंगापुर, मॉरीशस, केएसए, कुवैत, बहरीन, ओमान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल आदि में भी अपनी प्रस्तुति दी थी।
बॉलीवुड की कई फिल्मों के लिए गाने लिखे हैं राहत इंदौरी ने
मालूम हो कि 70 साल के राहत इंदौरी देश के मशहूर शायरों में से एक थे, इंदौरी अपने आप में एक संपूर्ण ब्रह्मांड थे,उनकी शायरियां, गजलें और गीत लोग कभी नहीं भूल पाएंगे, उनकी कौन सी शायरी या गजल ज्यादा अच्छी है, ये कह पाना थोड़ा मुश्किल है लेकिन उनकी लिखा एक शेर-हिंदुस्तान किसी के बाप का नहीं, केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मशहूर हुआ था।
ये था वो शेर- किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है
'अगर
खिलाफ
हैं,
होने
दो,
जान
थोड़ी
है
ये
सब
धुं
आ
है,
कोई
आसमान
थोड़ी
है
लगेगी
आग
तो
आएंगे
घर
कई
ज़द
में
यहां
पे
सिर्फ़
हमारा
मकान
थोड़ी
है
मैं
जानता
हूँ
कि
दुश्मन
भी
कम
नहीं
लेकिन
हमारी
तरह
हथेली
पे
जान
थोड़ी
है
हमारे
मुंह
से
जो
निकले
वही
सदाक़त
है
हमारे
मुंह
में
तुम्हारी
ज़ुबान
थोड़ी
है
जो
आज
साहिब-इ-मसनद
हैं
कल
नहीं
होंगे
किराएदार
हैं
जाती
मकान
थोड़ी
है
सभी
का
खून
है
शामिल
यहां
की
मिट्टी
में
किसी
के
बाप
का
हिंदुस्तान
थोड़ी
है।'
'आज हमने दिल का हर किस्सा' काफी पॉपुलर हुआ था..
राहत इंदौरी ने बॉलीवुड के लिए भी कई गाने लिखे हैं। राहत इंदौरी ने सबसे पहले फिल्म 'सर' के लिए गाना लिखा था, इसमें उनके द्वारा लिखा गीत 'आज हमने दिल का हर किस्सा' काफी पॉपुलर हुआ था। इसके बाद उन्होंने खुद्दार, मर्डर, मुन्नाभाई एमबीबीएस, मिशन कश्मीर, करीब, इश्क, घातक और बेगम जान जैसी फिल्मों में गाने लिखे।...
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