कोरोना ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले मेडिकल स्टाफ के परिवार को अभी भी इंश्योरेंस के पैसो का इंतजार
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में देश के फ्रंटलाइनर कोविड-19 योद्धा यानी डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना मरीजों की जान बचाने में जुटे हुए हैं। महामारी के खिलाफ इस जंग में कई कोरोना योद्धाओं ने अपनी जान गंवा दी लेकिन उनके परिवार को अभी तक उनके बीमा से मिलने वाली राशि के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले देश के 82 मेडिकल स्टाफ में से 63 के परिवारों को इंश्योरेंस क्लेम के पैसे अब तक नहीं मिले हैं।
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हैरान करने वाली बात यह है कि इन परिवारों को मिलने वाला बीमा कवर अभी भी जरूरी कागजी कार्रवाई के चलते अटका हुआ है जिससे इन्हें बीमा की राशि अभी तक नहीं मिली है। लगभग 22.12 लाख स्वास्थ्य कर्मियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 50 लाख रुपए का कवर दिया गया। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे हरी झंडी दिखाने के बाद इंश्योरेंस के पैसे न मिलने का मुद्दा उठाया था। सूत्रों ने मीडिया को बताया कि राज्यों से इंश्योरेंस के कागजात 14 जुलाई तक जमा करने को कहा गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को डॉक्टरों और नर्सों सहित 63 स्वास्थ्यकर्मी परिवारों के डॉक्यूमेंट्स अभी तक नहीं मिले हैं, जानकारी के मुताबिक अब तक कुल 19 परिवारों को ही बीमा के पैसे मिले हैं। एक आधिकारिक सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि राज्य सरकारों ने आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं किए हैं, महाराष्ट्र इस मामले में पहले स्थान पर है। रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में 63 मेडिकल स्टाफ में से 25 के क्लेम अभी तक क्लियर नहीं हुए हैं, इसके बाद दिल्ली में 11 परिवारों को बीमा की राशि नहीं मिली है। वहीं, गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान और तेलंगाना में भी अभी तक मेडिकल स्टाफ के परिवार को बीमा की राशि नहीं मिली है।
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