दिन में 24 के बजाय होंगे 25 घंटे, जानिए क्यों?
नई दिल्ली। कई बार काम के लिए पूरा दिन भी कम पड़ जाता है। हमें अपने काम को अगले दिन के लिए छोड़ना पड़ता है। उस वक्त मन में बस एक ही ख्याल आता है कि काश दिन कुछ और लंबा होता। काश दिन में 24 के बजाए 25 घंटे होते। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो बता दें कि आपकी ये ख्वाहिश भी पूरी होने वाली है। दिन लंबा होते जा रहा है। कुछ सालों बाद दिन 24 के बजाए 25 घंटे होने वाले हैं। जी हां हैरान मत होइए ये कोई मजाक नहीं बल्कि शोधकर्ताओं ने अध्ययन के बाद कहा है। इसके पीछे खगोलीय घटनाएं शामिल है, जिसकी वजह से आने वाले कुछ सालों में दिन में 24 घंटे के बजाए 25 घंटे होंगे।
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बढ़ रही है चंद्रमा की दूरी
दरअसल चंद्रमा और धरती के बीच की दूरी बढ़ती जा रही है। चंद्रमा से दूरी बढ़ने की वजह से धरती पर दिन लंबे होते जा रहे हैं। एक अध्ययन के मुताबिक 1.4 अरब साल पहले धरती पर पर दिन मात्र 18 घंटे का होता था, लेकिन धीरे-धीरे दिन में घंटे बढ़ते चले गए। प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक 1.4 अरब सा्ल पहले चंद्रमा हमसे करीब था, लेकिन धीरे-धीरे उसके पृथ्वी के चारों ओर अपनी धूरी पर घूमने के तरीके को बदला, जिसकी वजह से धीरे-धीरे वो हमसे दूर हो रहा है।
धरती की गति पर असर
अमेरिका में विस्कॉन्सिन मैडिसन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीफन मेयर्स के मुताबिक अपनी गति की वजह से जैसे-जैसे चंद्रमा धरती से दूर हो रहा है, धरती की गति भी कम हो रही है, क्योंकि ब्रह्मांड में पृथ्वी की गति दूसरे ग्रहों से प्रभावित होती है, जो उस पर बल डालते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक लाखों वर्षों के पृथ्वी और चंद्रमा की गति के अध्ययन से पता चलता है कि पृथ्वी और चंद्रमा के बीच दूरी बढ़ रही है, जिसकी असर दिन के घंटों पर पड़ता है।
चंद्रमा के छुपे राज
अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक चंद्रमा से मिले आंकड़ों के विश्लेषण से पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ज्वालामुखी संग्रहों के कारण चंद्रमा की सतह पर फैली चट्टानों के नीचे प्राकृतिक रूप से पानी हो सकता है। जियोसाइंस में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक चंद्रमा की ऊपरी सतह और अंदरूनी हिस्से के बीच में पर्याप्त मात्रा में पानी है, हालांकि रिपोर्ट में कहा गया कि आंतरिक स्रोतों से चांद पर पानी होने का पता नहीं चलता है।