अक्टूबर में फिर रोजगार दर में आई गिरावट, रिकवरी और त्योहारी सीजन का भी नहीं दिखा असर
नई दिल्ली। मई महीने के बाद अक्टूबर महीने में एक फिर रोजगार में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। मार्च में कोरोना महामारी के नियंत्रण के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद रोजगार की दर में लगातार रिकवरी हुई थी, लेकिन त्योहारी सीजन के बावजूद अक्टूबर में देश में रोजगार में 5.5 लाख की कमी चौंकाती है। 1 नवंबर को समाप्त हुए श्रम बाजार में साप्ताहिक विश्लेषण में सीएमआईई ने कहा कि अक्टूबर 2020 मई महीने में रोजगार में रिकवरी शुरू होने के बाद अक्टूबर पहला महीना है जब रोजगार में गिरावट दर्ज हुई है।
पार्षद
बना
रहेगा
दिल्ली
दंगों
का
आरोपी
ताहिर
हुसैन,
दिल्ली
हाईकोर्ट
ने
लगाई
रोक
कोरोनावायरस प्रेरित लॉकडाउन के बाद 3.16 करोड़ रोजगार बढ़ा था
सीएमआईई के मुताबिक मई में कोरोनावायरस प्रेरित लॉकडाउन के बाद रोजगार 3.16 करोड़ बढ़ा था, जबकि जून में 6.32 करोड़, जुलाई में 1.53 करोड़ थी। सितंबर तक रोजगार में तेजी आई। त्योहारी सीजन होने के कारण अक्टूबर महीने में रोजगार में कमी ने सबको चौंका दिया। रोजगार में यह गिरावट तब आई है जब रोगगार में मांग बढ़ रही थी। सीएमआईई रिपोर्ट कहती है कि अक्टूबर में बेरोजगारों की संख्या बढ़कर 1.2 करोड़ पहुंच गई।
अक्टूबर में देश में रोजगार की दर घटकर 37.8 फीसदी रह गई
रिपोर्ट के मुताबिक भले ही अक्टूबर का महीना एक त्योहारी महीना था और कुछ राज्यों में चुनावों के साथ-साथ खरीफ फसल का महीना भी था, लेकिन ये सभी कारक भी रोजगार की स्थिति में सुधार नहीं ला पाए। सीएमईई के मुताबिक अक्टूबर में देश में रोजगार की दर घटकर 37.8 फीसदी रह गई, जबकि सितंबर में यह 38 फीसदी था। संस्थान का कहना है कि लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट (पीएलआर) में ठहराव और बेरोजगारी दर के बढ़ने से यह स्थिति पैदा हुई
वर्ष 2016-2017 से हर वर्ष रोजगार दर में गिरावट आ रही है
सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016-2017 से हर वर्ष रोजगार दर में गिरावट आ रही है। वर्ष 2017-2018 में यह 1.13 फीसदी अंक गिर गया था और वर्ष 2018-2019 में इसमें 1.46 फीसदी अंक और वर्ष 2019-2020 में रोजगार दर में 0.46 फीसदी अंक गिरावट दर्ज की गई है। अगर यह प्रवृत्ति जारी रहती है तो वर्ष 2020-2021 में रोजगार में दर में एक फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है।