भारत की बता कर शेयर की जा रही नकली हैंड सैनिटाइजर वाली फोटो का बांग्लादेश से निकला कनेक्शन
नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ज्यादातर जानकारियां सही नहीं होती हैं। सोशल मीडिया यूजर्स को कुछ भी शेयर करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि उस संदेश में कितनी सच्चाई है। ऐसा ही एक मैसेज कई सारी तस्वीरों के साथ वायरल किया जा रहा है जिसमें दावा किया गया है कि भारत में बनने वाले नकली हैंड सैनिटाइजर का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह मैसेज पूरी तरह गलत है, सैनिटाइजर को लेकर वायरल की जा रही ये फोटो भारत की नहीं बल्कि बांग्लादेश की है।
वायरल हो रही फोटो में दिखा नकली हैंड सैनिटाइजर
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटो में तरल पदार्थों से भरी बोतलों और बाल्टियों के साथ दो शख्स और सुरक्षाकर्मी दिखाई दे रहे हैं। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया कि ये भारत की तस्वीर है और इसके पीछे मुस्लिम हैं। यूजर्स ने दावा किया है कि फर्जी हैंड सैनिटाइजर बेचने के पीछे भारत में मुस्लिमों का हाथ है। हालांकि अगर आप फोटो को अच्छे से देखेंगे तो पीछे खड़े सुरक्षाकर्मियों की वर्दी पर आरएबी लिखा है।
नक्कली सेनेताईज़र बना के देश कि सेवा करते हुवे देश प्रेमी मोलवी ।।अब घिन आने लगी है इन हरामियो से😡😡 pic.twitter.com/iJ1uyOJ9W6
— Raghav Patel🇮🇳 (@Raghavpatel4016) April 7, 2020
बांग्लादेश से निकला फोटो का कनेक्शन
बता दें कि आरएबी का मतलब रैपिड एक्शन बटालियन होता है। यह बांग्लादेश पुलिस का एक अपराध-रोधी और आतंक-रोधी बल है। इसके अलावा, बांग्लादेशी वेबसाइटों पर भी इस खबर की सूचना दी गई है, जिसमें यह बताया गया था कि आरएबी द्वारा बांग्लादेश के नारायणगंज में भारी मात्रा में नकली हैंड सेनिटाइजर जब्त किए गए हैं।
इस तरह खुली फोटो की पोल
बांग्लादेश में कई मीडिया आउटलेट्स द्वारा इस खबर की सूचना दी गई। आरएबी ने 3 अप्रैल, 2020 को नारायणगंज के एक कारखाने में छापा मारा था। कार्रवाई के दौरान नकली शराब की कई बोतलें जो तस्करी कर बाजार में लाई जा रही थीं उन्हें जब्त कर लिया गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि घटना को सांप्रदायिक रंग देने वाला सोशल मीडिया पर वायरल संदेश नकली और पूरी तरह से गलत है।
यह भी पढ़ें: Twitter पर अपने फेक अकाउंट से परेशान रामायण के 'राम', PM मोदी को भी हो गया भ्रम